Seminar। ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में 24 अगस्त, 2020 को कोरोना का अर्थव्यवस्था एवं पर्यावरण पर प्रभाव विषयक राष्ट्रीय वेबीनार में प्रो. हिमांशु शेखर, विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा आमंत्रित वक्ता के रूप में भाग लेंगे

भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय अन्तर्गत ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा (बिहार) में 24 अगस्त, 2020 को कोरोना का अर्थव्यवस्था एवं पर्यावरण पर प्रभाव विषयक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया है। इसमें प्रो. हिमांशु शेखर, विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा आमंत्रित वक्ता के रूप में भाग लेंगे।

एक नजर उनके शैक्षणिक जीवन पर

जी हाँ। एक नवंबर 1957 ई. को दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड स्थित माधोपट्टी पंचायत के अंतर्गत गंज रंघौली गाँव में माता -रामनगीना देवी देवी और पिता – रामनंदन प्रसाद के घर एक उदयमान भास्कर का अवतरण हुआ। वह भास्कर आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। इन्होंने गाँव के चौपाल से लनामिवि दरभंगा के अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष तक का सफर तय किया है। वह कोई और नहीं नरगौना परिसर के शांत, शालीन, सहज, सादगीपूर्ण, संस्कारवान, संयमित, मृदुल, मितभाषी, सुलझे हुए लोकप्रिय विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु शेखर हैं।

प्राथमिक शिक्षा गाँव के चौपाल से शुरू करते हुए मध्य विद्यालय की पढ़ाई पटना के तंग गलियों से वाया महलों का शहर कोलकात्ता से 9वीं पासकर वापस 10वीं की शिक्षा पिंडारुच हाईस्कूल से प्राप्त की । स्थानीय सी. एम. कॉलेज से स्नातक पूरी करने के बाद 1976-78 बैच में नरगौना विभाग का सफर तय किया।

तदुपरांत 1980 में बी. डी. कॉलेज, पटना में योगदान दिया। दो वर्षों बाद वे लनामिवि, दरभंगा के नेहरू कॉलेज, बहादुरगंज, आर. एन. कॉलेज, पंडौल मधुबनी और सी. एम. कॉलेज, दरभंगा में प्राध्यापक रहे। इसी क्रम में वे कई वर्ष महाविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक की भूमिका में भी कई रहे।

इसी बीच विश्वविद्यालय के पिछले सत्तानायकों ने उन्हें उपपरीक्षा नियंत्रक के पद से नवाजा।विश्वविद्यालय में भी कई कमिटियों के भी वे सदस्य रहे हैं। तत्पश्चात 22 जुलाई, 2016 को वे विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग, नरगौना परिसर में अपना योगदान दिया। एक दिसंबर 2017 से वर्तमान तक वे विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष के पद पर विराजमान हैं। साथ ही वे केंद्रीय पुस्तकालय के भी प्रभार में हैं। सीनेट, सिंडिकेट सहित एकेडमिक काउंसिल के भी सदस्य रहे हैं।

डाॅ. आनन्द मोहन झा, अतिथि सहायक प्राध्यापक, मनोहरलाल टेकरीवाल कॉलेज, सहरसा (पूर्व नाम सहरसा कॉलेज, सहरसा), भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा।

 

 

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