Sehat Samvad जीवन में महत्वपूर्ण है संतुलित आहार

जीवन में महत्वपूर्ण है संतुलित आहार

सेहत मानव को ईश्वर का वरदान है। हम हमेशा सेहत के प्रति जागरूक रहें। अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें।

यह बात आईएमए के कोशी प्रमंडलीय सचिव डाक्टर सच्चिदानंद यादव ने कही।

वे सोमवार को पोषण और मानसिक स्वास्थ्य विषयक सेहत संवाद कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे। यह आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में संचालित सेहत केंद्र के तत्वावधान में किया गया।

उन्होंने बारीक तरीके से पोषण एवं मानसिक स्वास्थ्य के संबंधों पर प्रकाश डाला और स्वास्थ एवं प्रसन्न रहने के सूत्र बताए।
उन्होंने कहा कि हमेशा खुश रहें। अपने दिमाग को तनावमुक्त रखें।

उन्होंने कहा कि हमेशा पोषणयुक्त सन्तुलित आहार का सेवन करें। ताजा फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज और प्रोटीन अपने रोज के आहार में लें।

उन्होंने सबों को सलाह दिया कि प्रतिदिन ध्यान एवं योग का अभ्यास करें। सूर्योदय से पहले या साथ जाग जाएँ। रात्रि में सही समय पर सोएं और पर्याप्त नींद लें। नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें और हमेशा सकारात्मक बने रहें।

मुख्य वक्ता विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली के पूर्व पीआई डाॅ. विनीत भार्गव ने कहा कि हमारे जीवन के लिए भोजन आवश्यक है और यह हमारे जीवन के कई कारकों के निर्धारण में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भोजन पर ही हमारा शारीरिक एवं मानसिक विकास निर्भर करता है।

उन्होंने कहा कि किसी भी इंसान के मन का रास्ता उसके पेट से होकर गुजरता है। भोजन ही व्यक्ति की मनोदशाओं एवं भावनाओं को भी विनियमित करता है।भोजन में सम्मिलित पोषक तत्व और स्वाद हमारे जीवन को रोजमर्रा के स्तर पर थोड़ा-थोड़ा कर बहुत बदलते हैं।

उन्होंने कहा कि आहार-विहार हमारे मानसिक विकास के लिए बड़े पैमाने पर जिम्मेदार होता है। इसलिए मानसिक रोगों की चिकित्सा में आहार एवं पोषण पर भी ध्यान दिया जाता है। अवसाद, तनाव, चिंता, अल्जाइमर जैसे बड़ी मानसिक बीमारियों को आहार-व्यवहार, सही पोषण और सही पूरक पोषण जैसे तरीकों से उपचारित किया जाता है।

उन्होंने कहा कि मानव आहार में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज लवण और विटामिन पांचों मुख्य तत्व हैं। ये तत्व अलग-अलग रूपों में, अलग-अलग स्तर पर, मानवीय भावनाओं एवं मनोदशाओं को नियंत्रित करने तथा संतुलित बनाए रखने में अपनी भूमिकाएं निभाते हैं।

उन्होंने बताया कि सेरोटोनिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर निद्रा, भूख, मनोदशा एवं दर्द के निषेध के लिए जिम्मेदार होता है। जिंक, कैलशियम, क्रोमियम, विटामिन बी9, आयरन, मैग्नीशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन बी6, विटामिन बी12 व विटामिन डी मानव के मानसिक स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार एवं आवश्यक होते हैं।

उन्होंने कहा कि फोलिक एसिड नई तंत्रिका कोशिकाओं को बनाने व सेरोटोनिन उत्पादन को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है; साथ-साथ यह तंत्रिका संकेत (नर्व सिग्नलिंग) के जरिए भिन्न-भिन्न मनोदशाओं को निर्धारित करता है और मानव के सामाजिक व्यवहार को विनियमित करता है। अवसाद को उपचारित करने के लिए फोलेट को ज्यादातर विटामिन बी12 के साथ खिलाया जाता है। विटामिन बी12 अवसाद, लघु अवधि की थकान, धीमी कार्य क्षमता एवं पैरानोइया से संबंधित है।

उन्होंने कहा कि ओमेगा-3 फैटी एसिड का मस्तिष्क की कार्य क्षमता पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड एंटी डिप्रेसेंट के रूप में अत्यंत प्रभावी कार्य करता है और इसके सेवन से चिंता, तनाव व अवसाद को प्रभावी रूप से उपचारित किया जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड, जो मस्तिष्क के विकास के लिए अति आवश्यक माना जाता है। इसकी कमी से व्यक्ति के मस्तिष्क में साइनैप्स टूटने लगता है और उसका मस्तिष्क सिकुड़ने लगता है। इससे व्यक्तित अवसाद, चिंता आदि से ग्रसित हो जाता है।

उन्होंने कहा कि प्रोटीन भी अच्छी मनोदशाओं के लिए अति आवश्यक माना जाता है प्रोटीन में पाया जाने वाला अमीनो एसिड मस्तिष्क में भावनाओं एवं मनोदशाओं को विनियमित करने वाले रसायन बनाते हैं। इसलिए आहार में शरीर में आसानी से अवशोषित होने वाले प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विटामिन B6 भी मस्तिष्क को काफी हद तक प्रभावित करता है। महिलाओं में प्रीमेन्स्ट्रुअल डिप्रेशन को उपचारित करने के लिए इसके सेवन का उपयोग किया जाता है। इसी वजह से महिलाओं को अपने आहार में इसका भरपूर सेवन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आजकल की जिंदगी भागदौड़ भरी है। इसमें हमारी मनोदशाओं, भावनाओं एवं विचारों को विनियमित करना और मानसिक स्वास्थ्य को संतुलित बनाए रखना एक चुनौती है। इसलिए हमें अपना आहार-विहार अपनी मनोदशाओं, भावनाओं, विचारों एवं मानसिक स्वास्थ्य के अनुरूप रखना चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने किया। संचालन शोधार्थी सारंग तनय तथा धन्यवाद ज्ञापन असिस्टेंट प्रोफेसर (इतिहास) डाॅ. स्वर्ण मणि ने किया। इस अवसर प्रांगण रंगमंच की तीन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी। मधुबाला भारती के स्वागत गीत कार्यक्रम की शुरुआत हुई। उन्होंने आगामी मां दुर्गा पूजा पर एक सुंदर प्रार्थना गीत गाकर फेस्टिवल माहौल बना दी। आरती आनंद ने भी एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया। अंत में तनुजा कुमारी ने सुमधुर संगीत की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिया।

इस अवसर पर सीएम साइंस कॉलेज, मधेपुरा के डॉ. संजय कुमार परमार, के. पी. काॅलेज, मुरलीगंज के डॉ. अमरेंद्र कुमार, काउंसिल मेम्बर द्वय माधव कुमार एवं बिट्टू कुमार, शोधार्थी द्वय सौरभ कुमार चौहान एवं लक्ष्मण कुमार, छात्र नेता आनंद कुमार भूषण, डॉ. राजीव रंजन, जूही राज, सोनू कुमार, हिमांशु राज, परमेस कुमार, रोशन कुमार रमन, दीपमाला कुमारी वीणा, आलोक कुमार, अभिषेक आनंद, बिपिन दुबे, डेविड यादव, डॉ. सागर, जयराम ठाकुर, जयश्री, जूही, कुनिता, लक्ष्मण, माधव, मुस्कान सिंह, प्रिंस कुमार, पवन, पूजा कुमारी, रामानुज देवी, रंजीत कुमार सुमन, रेणु कुमारी, रेणुका रंजना, शशिभूषण, श्याम शर्मा, स्वाति, अनुश्री, सौरभ, मिथिलेश, निरंजन, राजू मिश्रा, प्रतिभा झा, प्रिंस कुमार सिंह, आशीष आनंद,आलोक कुमार, श्वेता, दिव्य ज्योति, रामानुज रवि, रेनू कुमारी, ज्योतिष कुमार, नीतू कुमारी, धीरज कुमार, सौरव कुमार, रोशन यादव, आशीष आनंद आदि उपस्थित थे।