BNMU व्याख्यान आयोजित/कोविड-19 और इम्यूनिटी बूस्टर

*व्याख्यान का आयोजन*

कोरना संक्रमण ने पूरी दुनिया को तबाह कर दिया। इससे दुनिया में लाखों लोग मरे। लेकिन अपेक्षाकृत रूप से भारत में कम लोग मरे।

यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा एवं टीएमबीयू भागलपुर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर डाॅ. अवध किशोर राय ने कही। वे नार्थ कैम्पस के विज्ञान संकाय में आयोजित कोविड-19 एवं इम्यूनिटी बूस्टर विषयक व्याख्यान में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन आईक्यूएसी, बीएसएस काॅलेज, सुपौल एवं आईक्यूएसी, बीएनएमयू, मधेपुरा के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

पूर्व कुलपति ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत में कोरोना से रिकवरी रेट अधिक रहा। यहाँ अधिक जनसंख्या के बावजूद कम मौतें हुईं।

पूर्व कुलपति ने कहा कि भारतीय मसाले यथा- काली मिर्च, लौंग, हल्दी, दालचीनी आदि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। भारत के लोन इन चीजों का भरपूर इस्तेमाल करते हैं। इसलिए भारत के लोगों पर कोरोना का असर कम हुआ। कोरोना संक्रमण से बचाव में तुलसी, गिलोय, आंवला, अश्वगंधा आदि भी कारगर हैं।

पूर्व कुलपति ने कहा कि कोरोना को लेकर कई भ्रांतियाँ हैं। हमें इन भ्रांतियों से बचना चाहिए। अभी कोरोना का खतरा पूरी तरह टला नहीं है। अतः सभी लोग केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निर्धारित सभी दिशानिर्देशों (एसओपी) का शत-प्रतिशत पालन करें।

पूर्व कुलपति ने सबों को सलाह दिया कि सभी लोग नियमित रूप से साबुन या सेनेटाइजर से हाथ धोते रहें और हमेशा मास्क का प्रयोग करें। साथ ही बेवजह घरों से नहीं निकलें और एक-दूसरे से भौतिक दूरी (सोशल/ फिज़िकल डिस्टेंशिंग) बनाए रखें।

कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता कुलपति प्रोफेसर डाॅ. आर. के. पी. रमण ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया अस्त-व्यस्त एवं त्रस्त है। इस महामारी के कारण हम सबों ने अपने कई परिचितों को खोया है। कुलपति ने कहा कि कोरोना मानवता के खिलाफ एक जंग है। हम सबों को मिलकर यह जंग जीतना है।

 

कुलपति ने कहा कि हमें याद रहे कि विपदा की घड़ी में व्यक्तिगत एवं सामाजिक अनुशासन ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच होता है और परहेज हमेशा इलाज से बेहतर रहता है। अतः हमें आपदाकाल में हमें साहस, धैर्य एवं विवेक से काम लेना है।

अध्यक्षता वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. रमेश कुमार ने की। अतिथियों का स्वागत बीएसएस काॅलेज, सुपौल के प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ. संजीव कुमार ने की। धन्यवाद ज्ञापन बीएनमुस्टा के महासचिव प्रोफेसर डाॅ. नरेश कुमार ने किया।

इसके पूर्व अतिथियों का अंगवस्त्रम्, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर स्वागत किया गया। साथ ही सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. राज कुमार सिंह की पुस्तक पेंडेमिक कोविड-19 का लोकार्पण भी हुआ।

इस अवसर पर मानविकी संकायाध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. उषा सिन्हा, कुलानुशासक डाॅ. विश्वनाथ विवेका, कुलसचिव प्रोफेसर डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर, पूर्व कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद, सिंडिकेट सदस्य द्वय डॉ. राम नरेश सिंह एवं कैप्टन गौतम कुमार, आईक्यूएसी डायरेक्टर डाॅ. मोहित कुमार घोष, सीनेटर डाॅ. अरविंद कुमार, टी. पी. कॉलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव, मधेपुरा काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. अशोक कुमार, यूवीके काॅलेज, कड़ामा- आलमनगर के प्रधानाचार्य डाॅ. माधवेन्द्र झा, बीएनएमभी काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. पी. एन. पीयूष, आरपीएम लाॅ काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. सत्यजीत यादव, पूर्व नोडल पदाधिकारी डाॅ. अशोक कुमार सिंह, पूूर्व महाविद्यालय निरीक्षक विज्ञान डाॅ. उदयकृष्ण, विकास पदाधिकारी डाॅ. ललन प्रसाद अद्री, डाॅ. भावानंद झा, डाॅ. अरूण कुमार, डाॅ. पवन कुमार, डाॅ. कामेश्वर कुमार, डाॅ. बी. के. दयाल, डाॅ. अभय कुमार, डाॅ. मो. अबुल फजल, डाॅ. शंकर कुमार मिश्र, डाॅ. पंचानंद मिश्र, डाॅ. बी. बी. मिश्र, जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभु नारायण यादव, डाॅ. कौशल किशोर चौधरी, डाॅ. सुमंत कुमार, रंजन यादव, सौरभ कुमार, दिलीप कुमार दिल, डाॅ. राजेश्वर राय, पप्पू कुमार, बिमल कुमार उपस्थित थे।