*याद किए गए लोकनायक*
*राजनीति में नैतिकता का समावेश चाहते थे जेपी : प्रो. कैलाश*
बीएनएमयू, मधेपुरा के विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान विभाग में लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) की 124वीं जयंती पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
*हमारे प्रेरणास्रोत हैं जेपी*
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने बताया कि जेपी ने सन् 1942 में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। उन्होंने महात्मा गाँधी की गिरफ्तारी के बाद भूमिगत रहकर आंदोलन को जारी रखा और छात्रों और युवाओं को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे देश की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हुआ।
उन्होंने बताया कि जेपी ने सन् 1974 में संपूर्ण क्रांति आंदोलन का नेतृत्व किया। इस दौरान लोकतंत्र की रक्षा करने में जो भूमिका निभाई है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। हम सबों की यह जिम्मेदारी है कि हम उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं।
उन्होंने कहा कि जेपी हमारे प्रेरणास्रोत हैं। वे राजनीति में नैतिकता का समावेश चाहते थे। उनके लिए राजनीति सत्ता प्राप्ति नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम थी। आज के राजनीतिज्ञों को जेपी का अनुशरण करना चाहिए।
*हमारे गौरव हैं जेपी*
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षक संघ के महासचिव एवं विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार ने कहा कि बिहार की धरती सैकड़ों महापुरुषों की जन्मस्थली एवं कर्मस्थली रही है। इनमें गौतम बुद्ध, महावीर स्वामी, गुरु गोविंद सिंह, महात्मा गाँधी, राजेन्द्र प्रसाद एवं जयप्रकाश नारायण आदि प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि जेपी हमारे गौरव हैं। हम सभी बिहारवासियों का सौभाग्य है कि जेपी हमारे राज्य में जन्मे और यहीं से उन्होंने पूरे देश में संपूर्ण क्रांति का शंखनाद किया। आज देश के दर्जनों प्रमुख राजनेता जेपी आंदोलन के ‘प्रोडक्ट’ हैं।
*जेपी के विचारों से प्रेरणा ग्रहण करने की जरूरत*
कार्यक्रम का संचालन करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि जेपी एक महान राजनेता थे। हमारे वर्तमान राजनीतिज्ञों सहित हम सबों को उनके विचारों से प्रेरणा ग्रहण करने की जरूरत है।
इस अवसर पर लोक सूचना पदाधिकारी डॉ. प्रफुल्ल कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अपर्णा कुमारी, डॉ. अमित विश्वकर्मा, डॉ. कल्पना मिश्रा, मणिष कुमार, राजेश कुमार, सौरभ कुमार चौहान, प्रवीण कुमार आदि उपस्थित थे।