*याद किए गए लोकनायक*
*महान स्वतंत्रता सेनानी थे जयप्रकाश नारायण : प्रो. नरेश*
बीएनएमयू, मधेपुरा के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के तत्वावधान में प्रशासनिक परिसर अवस्थित कार्यालय में लोकनायक जयप्रकाश नारायण (11 अक्टूबर 1902 – 8 अक्टूबर 1979) की 124वीं जयंती पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
*आज भी प्रासंगिक हैं संपूर्ण क्रांति का दर्शन*
इस अवसर पर मुख्य वक्ता आईक्यूएसी निदेशक एवं विश्वविद्यालय रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. नरेश कुमार ने बताया कि जयप्रकाश का जन्म 11 अक्टूबर, 1902 को बिहार के सिताबदियारा में हुआ था। वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने सन् 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में महती भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण सन् 1947 में प्राप्त राजनीतिक आजादी को अधूरा मानते थे। वे चाहते थे कि लोगों को राजनीतिक आजादी के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक आजादी भी मिले। इसलिए उन्होंने संपूर्ण क्रांति का दर्शन सामने लाया, जो आज भी प्रासंगिक है।
*अंतिम व्यक्ति के उत्थान हेतु किया कार्य*
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षक संघ के महासचिव एवं विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार ने कहा जयप्रकाश ने नि:स्वार्थ भाव से समाज एवं राष्ट्र की सेवा की और आजीवन अंतिम व्यक्ति के उत्थान हेतु कार्य किया। उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत लाभ-हानि की चिंता नहीं की और कोई भी सरकारी पद भी ग्रहण नहीं किया।
उन्होंने बताया कि जेपी ने तत्कालीन सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के खिलाफ युवाओं द्वारा संचालित संपूर्ण क्रांति आंदोलन का नेतृत्व किया। इसका मुख्य उद्देश्य देश में लोकतंत्र की बहाली और ‘भ्रष्टाचार एवं बेरोजगारी दूर करना तथा शिक्षा में परिवर्तन लाना था। इस क्रांति के फलस्वरूप सन् 1977 में पहली बार केंद्र में गैर-कांग्रेसी सरकार बनी।
*जेपी के अधूरे सपनों को पूरा करेने हेतु आगे आएं युवा*
उन्होंने कहा कि संपूर्ण क्रांति का लक्ष्य केवल सत्ता परिवर्तन नहीं, वरन् व्यवस्था परिवर्तन भी था। इस दृष्टि से यह क्रांति अभी भी अधूरी है। अतः युवाओं की यह जिम्मेदारी है कि वे जेपी के अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए आगे आएं।
*हमारे असली नायक हैं जेपी*
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि जेपी का नाम समकालीन भारतीय दार्शनिकों में अग्रगण्य है। उनकी वैचारिक यात्रा समाजवाद से सर्वोदय की ओर जाती है। उनके बताए रास्ते पर चलकर हम बिहार एवं भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य पूरा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जेपी जैसे महापुरुष हमारे असली नायक हैं। हमें युवाओं को ऐसे नायकों के बारे में जानकारी देनी चाहिए। युवाओं को बाजार द्वारा प्रायोजित नकली नायकों से बचाना चाहिए।
इस अवसर पर शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, आर. रहमान, पवन कुमार, रंजीत कुमार, योगेन्द्र कुमार आदि उपस्थित थे।