

गजल/ आप से बढ़कर मुझे कोई नहीं भाया कभी/ डॉ. मनजीत
गजल आप से बढ़कर मुझे कोई नहीं भाया कभी हाँ मगर तारीफ में मैं कुछ न कह पाया कभी। जिंदगी के फैसले में जिंदगी से
गजल आप से बढ़कर मुझे कोई नहीं भाया कभी हाँ मगर तारीफ में मैं कुछ न कह पाया कभी। जिंदगी के फैसले में जिंदगी से
लघुकथा/ स्मृति का निचोड़/मारूति नंदन मिश्र सुबह के पाँच बज रहे थे, चिडियों की चहचहाहट सुबह होने का एहसास करा रही थी। 80 वर्षीय बूढ़ी
अपने देश में कई पवित्र वृक्षों में एक पवित्र वृक्ष है “कृष्णवट”। यह वृक्ष भारत के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। यह विशेष प्रकार
मीडिया के सभी साथियों के प्रति आभार। —————————- दैनिक भास्कर, 30 अगस्त, 2020 प्रभात खबर, 30 अगस्त, 2020 हिन्दुस्तान, 30 अगस्त, 2020
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