NSS रचनात्मक एवं सकारात्मक बनें युवा : डॉ. कविता भट्ट*

शिविर का चौथा दिन

*रचनात्मक एवं सकारात्मक बनें युवा : डॉ. कविता भट्ट*

भारतवर्ष युवाओं का देश है और युवा ही भारत का सर्वतोमुखी विकास कर सकते हैं। अतः युवाओं की यह जिम्मेदारी है कि वे रचनात्मक एवं सकारात्मक बनें और अपनी उर्जा को राष्ट्र-निर्माण में लगाएँ।

यह बात हेमवती नंदन बहुगूणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर- गढ़वाल (उत्तराखंड) में रिसर्च एसोसिएट डॉ. कविता भट्ट ने कही। वे युवाओं का व्यक्तित्व विकास विषयक व्याख्यान दे रही थीं। कार्यक्रम का आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के
राष्ट्रीय सेवा योजना, इकाई-i के सात दिवसीय शिविर के अंतर्गत किया गया।

उन्होंने कहा कि किसी भी समाज एवं राष्ट्र के विकास में युवाओं की भूमिका सबसे महत्तवपूर्ण होती है। युवाओं के व्यक्तित्व से राष्ट्र का व्यक्तित्व परिलक्षित होता है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवाओं में प्रतिभा है। हमारे युवा बड़े से बड़े कार्य कर सकते हैं। लेकिन आवश्यकताषसही दिशा-निर्धारण एवं यथोचित मार्गदर्शन की है। युवाओं के मार्गदर्शन का दायित्व शिक्षकों एवं अभिभावकों दोनों पर है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना युवा व्यक्तित्व के सम्यक् विकास पर जोड़ देता है।इसका उद्देश्य युवाओं का शारीरिक, मानसिक एवं नैतिक हर दृष्टिकोण से परिष्करण एवं उन्नयन है। व्यक्तित्व के इन सभी आयामों का विकास होने पर ही ही युवा देश को विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित करने में सक्षम हो सकेंगे।

उन्होंने कहा कि आज युवाओं में वैचारिक दृढ़ता की कमी है और वे निरन्तर नशे की प्रवृत्ति के भी शिकार हो रहे हैं। साथ ही अवसाद की स्थिति में युवा अनेकशः आत्महत्या भी कर लेते हैं। इस प्रकार की त्रासदी से उबरने के लिए युवाओं की संकल्प शक्ति में वृद्धि हेतु निरन्तर प्रशिक्षण और प्रोत्साहन की आवश्यकता है।

मदन मोहन मालवीय हॉस्पिटल, दिल्ली सरकार, नई दिल्ली सीएमओ डा. मणिशंकर प्रियदर्शी ने मौसम परिवर्तन और स्वास्थ्य विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि हमें मौसम परिवर्तन से होने वाले रोगों के प्रति सावधान रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमेशा खान-पान का विशेष ख्याल रखें। तलाभूना एवं बासी भोजन ना खाएं। पचुर मात्रा में साफ पानी पियें।

उन्होंने कहा कि अचानक मौसम परिवर्तन होने से वातावरण में बदलाव आने से तबियत खराब हो जाती है। सर्दी, जुकाम हो जाता है। सर्दी, जुकाम के बाद निमोनिया होने पर बुखार हो जाता है। घर से निकलने से पूर्व गर्म कपड़े पहन लें। सुबह के ठंडी हवा से बचे। सर्दी होने पर गर्म पानी ही पीएँ। तीन-चार दिन के बाद ही दबाई लें।एंटीबायोटिक दवाओं से बचें।

उन्होंने कहा कि आजकल ओपीडी या इमरजेंसी वार्ड में सर्दी- बुखार के मरीज बहुत आते हैं। ठंड में गर्म पानी से ही स्नान करें।

उन्होंने कहा कि मौसम परिवर्तन होने पर जुकाम हो जाता है। इसे नजरअंदाज नहीं करें। जुकाम के साथ बलगम होने पर डाक्टर से अविलंब मिलें। अगर डाक्टर जितना डोज दे, उतना जरूर खाएँ। बीच मे आधा खाकर ना छोड़ें।
ये नहीं कि तबियत ठीक हो गया तो दबाई खाना बंद कर दें।

इसके पूर्व शिविर की शुरूआत योगाभ्यास से हुई। सभी अतिथियों एवं शिविरार्थियों ने पतंजलि योग समिति, मधेपुरा के जिलाध्यक्ष योगगुरू राकेश कुमार भारती के निदेशन में योग किया। इसमें पद्मासन, सिद्धासन और सुखासन के अभ्यास शामिल थे। सबों ने मंगलाचरण किया और ओऊम का सामूहिक उच्चारण किया।

उन्होंने सभी लोगों और विशेषकर
युवाओं का आह्वान किया कि वे सिर्फ शौखिया रूप से या मजबूरी में नहीं, बल्कि सहजतापूर्वक योग को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें।

योग शिक्षक ने कहा कि योग के माध्यम से हम न केवल बीमारियों से बच सकते हैं, बल्कि अपने समग्र व्यक्तित्व का विकास भी कर सकते हैं। कुछ चंद मिनटों का नियमित योगाभ्यास हमें दिनभर सकारात्मक उर्जा से भर देता है और हमारे जीवन को सार्थकता की ओर ले जाता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने बताया कि शिविर में 29 अक्टूबर तक योगाभ्यास जारी रहेगा। बुधवार को योगाभ्यास के बाद भुख, दंत एवं जबड़ा रोग विशेषज्ञ डा. प्रणव प्रताप सिंह के निदेशन ने निःशुल्क दंत चिकित्सा शिविर लगेगा और दवाइयाँ वितरित की जाएगी। मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर एवं अकादमिक निदेशक डॉ. एम. आई. रहमान शिवरार्थियों का मनोविज्ञान परीक्षण करेंगे। प्रत्येक शिविरार्थियों द्वारा कम-से-कम पाँच व्यक्तितयों का स्वास्थ्य संबंधी सर्वेक्षण भी किया जाएगा।

सीएम साइंस कॉलेज, मधेपुरा में मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. ललन कुमार ने कहा कि यह शिविर वार्ड के आम लोगों के लिए भी उपयोगी है। इसके समापन समारोह में वार्ड के कई गणमान्य लोग शामिल होंगे। इनमें पूर्व विधायक डाॅ. एवं वार्ड पार्षद डाॅ. अभिलाषा कुमारी के नाम शामिल हैं ।

शिविर में अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. अभय कुमार ने किया। संचालन कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने किया। धन्यवाद ज्ञापन एएनओ लेफ्टिनेंट गुड्डु कुमार ने किया।

इस अवसर पर पूर्व कार्यक्रम समन्वयक डाॅ. अमोल राय, सुप्रसिद्ध साहित्यकार डाॅ. विनय कुमार चौधरी,
प्रधानाध्यापिका एलिस, उप खेल सचिव डॉ. शंकर कुमार मिश्र, पूर्व कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ. उपेंद्र प्रसाद, के. पी. काॅलेज, मुरलीगंज के डॉ अमरेंद्र कुमार, अतिथि व्याख्याता डाॅ. अशोक कुमार, सीनेटर रंजन यादव, शोधार्थी द्वय सारंग तनय एवं सौरभ कुमार चौहान, बायोटेक विभाग के प्रणव कुमार, दिलीप कुमार दिल, गौरव कुमार सिंह, डेविड यादव, रश्मि विभा त्रिपाठी, रौशन कुमार रमन, मो. आदिल, पुनिता कुमारी, जावेद अख्तर, रामेश्वर, आशीष आनंद, मनीष अग्रवाल, पुनीत कुमार, श्याम भारद्वाज, सोनू, सिंटू , ऋषभ कुमार झा, भागवत यादव, आरती झा, केशव, प्रभाष, अमरजीत शर्मा, देवाशीष कुमार, प्रिंस कुमार, ज्योतिष कुमार, अंकित कुमार, विजय कृष्ण भारती, आलोक कुमार, नीतीश कुमार, आनंद कुमार, मधु कुमारी, बुलबुल कुमारी, अलाउद्दीन आदि उपस्थित थे।