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हरतालिका तीज/अखंड सौभाग्य के लिए महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत

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अखंड सौभाग्यवती का पर्व हरतालिका तीज आज 21 अगस्त को मनाया जा रहा है। आज महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए 24 घंटे का निर्जला और निराहार व्रत रख रही है, इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना भी करती हैं।
मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की हस्त नक्षत्र युक्त तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। इस व्रत को कुंवारी कन्याएं अपने लिए मनचाहा पति पाने और विवाहित महिलाएं अखंड (पति की लम्बी आयु के लिये) सौभाग्य पाने के लिए करती है।
मान्यता है कि भगवान शिव और देवी पार्वती व्रतियों को सुख-संपत्ति, धन-धान्य, पुत्र-पौत्र और स्वस्थ जीवन का वरदान देते हैं।
माना जाता है कि देवी पार्वती के पिता हिमालय ने उनका विवाह श्रीहरि विष्णु के साथ तय कर दिया था। लेकिन देवी पार्वती मन ही मन शिव जी को अपना पति मान ली थी। महादेव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती जंगल में तपस्या करना चाहती थीं। तब माता पार्वती की एक सखी उन्हें हर कर जंगलों में ले आई। तभी से हरतालिका तीज मनाई जाती है।

मारूति नंदन मिश्र
खगड़िया

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