*स्वयंसेवक को मिलेगा ईएलपी में भाग लेने का अवसर*
बीएनएमयू , मधेपुरा के स्वयंसेवकों को माय भारत पोर्टल के माध्यम से डाक अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रम अर्थात एक्सपीरियंस लर्निंग प्रोग्राम (ईएलपी) में भाग लेने का अवसर मिलेगा। इस राष्ट्रव्यापी पहल में भाग लेने की अंतिम पहले तिथि 8 जून, 2025 तक निर्धारित थी, जिसे बढ़ाकर 13 जून तक किया गया है। यह जानकारी राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने दी।
डॉ. शेखर ने बताया कि बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रो. बी. एस. झा तथा एनएसएस के नवनियुक्त क्षेत्रीय निदेशक विनय कुमार ने एनएसएस को सक्रिय बनाने और इसमें अधिकाधिक युवाओं को जोड़ने का निदेश दिया है। दोनों के निदेशानुसार सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों तथा कार्यक्रम पदाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर माय भारत पोर्टल और ईएलपी कार्यक्रम के व्यापक प्रसार-प्रसार का अनुरोध किया गया है।
*दो लाख से अधिक युवाओं को शामिल करने का लक्ष्य*
डॉ. शेखर ने बताया कि ईएलपी देश में सबसे बड़े जमीनी स्तर के शिक्षण अनुभवों में से एक होगा। इसके तहत भारत के सभी शाखा डाकघरों में दो लाख से अधिक युवाओं को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अंतर्गत प्रत्येक डाकघर दो युवकों को अवसर प्रदान करेगा।
*मैट्रिक उत्तीर्ण होंगे पात्र*
उन्होंने बताया कि ईएलपी में भाग लेने हेतु न्यूनतम योग्यता हाई स्कूल पास है। इसकी अवधि 15 दिनों की होगी। प्रतिभागियों को 15 दिनों के संरचित प्रशिक्षण के माध्यम से भारतीय डाक के कामकाज का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा। इसके तहत मुख्य डाकघर संचालन, सेवाओं और ग्राहक प्रोटोकॉल पर बुनियादी अभिविन्यास की जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही पार्सल छंटाई और वितरण, काउंटर सहायता और दस्तावेज़ प्रबंधन जैसे दैनिक कार्यों में सहायता करना सीखाया जाएगा। इसकू अलावा वित्तीय समावेशन योजनाओं, बचत खाते एवं बीमा जैसी प्रमुख डाक योजनाओं का प्रचार और जागरूकता आदि से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि अभी विश्वविद्यालय क्षेत्रांतर्गत विभिन्न महाविद्यालयों में माय भारत पोर्टल तथा ईएलपी में पंजीकरण संतोषजनक नहीं है। लेकिन सभी के सहयोग से इसमें सुधार करने की कोशिश की जा रही है। विश्वविद्यालय एनएसएस विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं तथा छात्र-युवा संगठनों से ही सहयोग की अपेक्षा रखता है।