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सात सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित

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*सात सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित*

ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में शिक्षक संघ के तत्वावधान में गुरुवार को सात सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर सभी शिक्षकों को अंगवस्त्रम्, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। सभी ने अपने-अपने उद्गार व्यक्त किए।

महाविद्यालय से है भावनात्मक लगाव

मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि कहा कि उनका बचपन से ही इस महाविद्यालय से भावनात्मक जुड़ाव रहा है। वे यहीं के विद्यार्थी भी रहे हैं और यहां शिक्षक के रूप में भी कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि उनका यह सौभाग्य है कि उन्हें प्रधानाचार्य के रूप में अपने इस पैतृक महाविद्यालय की सेवा का अवसर मिला है। वे इस महाविद्यालय की गरिमा को बचाए रखने और इसकी प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाने हेतु समर्पित हैं। इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. एस. झा का काफी सहयोग मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि सभी सेवानिवृत्त शिक्षकों ने महाविद्यालय के विकास में अपनी-अपनी भूमिकाएं निभाई हैं। कार्यरत शिक्षकों को इनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है।

*महाविद्यालय का है गौरवशाली इतिहास*
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संघ के अध्यक्ष सह रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. रत्नदीप ने कहा कि इस महाविद्यालय का अपना गौरवशाली इतिहास है। यहां के कई शिक्षकों ने विधायक, सांसद तथा प्रति कुलपति एवं कुलपति सहित विभिन्न पदों को सुशोभित किया है।

इस अवसर पर प्रो. विजेन्द्र प्रसाद यादव (भौतिकी) ने कहा कि अतीत को याद करना हमेशा सुखदायक होता है। हमें अपने अतीत को कभी नहीं भूलना चाहिए।

प्रो. शिवनंदन कुमार (भौतिकी) ने कहा कि शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से ही महाविद्यालय की पहचान होती है। इनकी उपलब्धियों से ही महाविद्यालय का गौरव बढ़ता है।

डॉ. अपूर्व कुमार मल्लिक (रसायनशास्त्र) ने कहा कि इस महाविद्यालय के शिक्षकों ने विश्वविद्यालय में भी विभिन्न जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। महाविद्यालय को आगे बढ़ाने में योगदान दिया है।

प्रो. मनोज कुमार मनोरंजन (गणित) ने कहा कि सभी शिक्षकों को अपने एचिवमेंट को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। इससे महाविद्यालय का नाम रौशन होगा।

डॉ. पंकज कुमार (जंतु विज्ञान) ने कहा कि सभी को मिलकर महाविद्यालय के विकास हेतु तत्पर रहना चाहिए और नैक से मान्यता दिलाने का प्रयास करना चाहिए।

डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन (अंग्रेजी) ने कहा कि महाविद्यालय को जब भी आवश्यकता हो, सेवानिवृत्त शिक्षक हमेशा सेवा हेतु तैयार हैं।

डॉ. दिनेश कुमार (जंतु विज्ञान) ने कहा कि इस महाविद्यालय में कार्य करते हुए उन्हें बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए सचिव सह दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि हमें अतीत से प्रेरणा लेते हुए वर्तमान को संवारना है और उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर होना है।

इस अवसर पर अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार यादव, उपाध्यक्ष डॉ. वीणा कुमारी, डॉ. मधुनंदा, डॉ. मिन्टू कुमार मेमन, प्रधान सहायक नारायण ठाकुर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर संयुक्त सचिव द्वय मिथिलेश कुमार एवं डॉ. कुमार सौरभ, कोषाध्यक्ष दीपक कुमार राणा, ले. गुड्डु कुमार, डॉ. यासमीन रसीदी, डॉ. मिथिलेश कुमार सिंह, डॉ. कुमार गौरव, डॉ. प्रियंका भारती, डॉ. भारती कुमारी, डॉ. जावेद अहमद, डॉ. शहरयार अहमद, डॉ. मनोज कुमार ठाकुर, अर्जुन साह, कामेश्वर यादव, अशोक कुमार अकेला, बिनोद कुमार, राजीव कुमार रंजन, अनिल कुमार, सक्षम कुमार, बुद्धसेन कुमार, दिनेश प्रसाद यादव, कैलाश प्रसाद गुप्ता, श्रीकृष्ण कुमार, लाल बहादुर यादव, लीलाकान्त झा, मोहन कुमार, पंचू राम, फुलेश्वर प्रसाद यादव, राधा प्रसाद यादव, राजेंद्र मलिक, टेक नारायण यादव, अनंत मंडल, गणेश मुखिया, मनीष कुमार, महेश कुमार, सुनील कुमार, मोती कुमार यादव, धीरेंद्र ठाकुर, सतरूपा देवी, बबलू महतो, भरत प्रसाद यादव, भुखिया देवी, शम्भू कुमार आदि उपस्थित थे।

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