श्रद्धांजलि सभा : 20 फरवरी, 2024, अपराह्न -03:00 बजे

श्रद्धांजलि सभा : 20 फरवरी, 2024, अपराह्न -03:00 बजे


श्रद्धांजलि सभा मंगलवार को

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भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, लालूनगर, मधेपुरा के ग्यारहवें कुलपति प्रो. (डॉ.) अमरनाथ सिन्हा का 18 फरवरी, 2024 (रविवार) को मुबंई में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे और पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। एकमात्र पुत्र शिशिर रंजन सहित भरापूरा परिवार और हजारों प्रशंसक छोड़ गए हैं।

 

बीएनएमयू के कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने प्रोफेसर अमरनाथ के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि प्रो. अमरनाथ के निधन से हमने एक विद्वान प्राध्यापक, कर्मठ प्रशासक और शेखर समालोचक को खो दिया है। यह न केवल हमारे विश्वविद्यालय के लिए, वरन् संपूर्ण बदेश एवं राष्ट्र को एक अपूर्णीय क्षति हुई है। वे आज सशरीर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार एवं कार्य हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।

 

उन्होंने बताया कि प्रो. अमरनाथ 02.08.2001 से 01.08.2004 तक बीएनएमयू के कुलपति रहे। उन्होंने विश्वविद्यालय को यूजीसी के 2 (एफ) एवं 12 (बी) से मान्यता दिलाने में महती भूमिका निभाई।

 

उन्होंने बताया कि प्रोफेसर सिन्हा मूल रुप से नवादा जिला के रजौली के रहने वाले थे, लेकिन परिवार के साथ काफी समय से पटना के हनुमान नगर स्थित एम. आई. जी. कॉलोनी में रह रहे थे।

 

उन्होंने बताया कि प्रो. अमरनाथ मनीषी साहित्यकार थे और अपने साहित्यिक एवं सामाजिक दायित्वों के प्रति सदैव जागरूक एवं सतर्क रहते थे। उन्हें हिन्दी के विद्यार्थी और अध्यापक के रूप में अपने लम्बे कैरियर में लगभग 50 वर्षों से अधिक समय तक अध्ययन अध्यापन का अवसर मिला। उनकी गिनती हिन्दी विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना के प्रमुख स्तंभों में होती है।

 

उन्होंने बताया कि प्रोफेसर अमरनाथ ने कई पुस्तकों की रचना की है। उनकी सद्यः प्रकाशित पुस्तक ‘हिंदी साहित्य और लोक चेतना’ का पटना में 18 अगस्त, 2023 को लोकार्पण हुआ था।

 

उन्होंने बताया कि प्रोफेसर अमरनाथ को हिन्दी जगत में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार एवं सम्मान से सम्मानित भी किया गया था।

उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि प्रो. अमरनाथ की आत्मा की शांति हेतु मंगलवार को अपराह्न 3 बजे से कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में कुलपति कार्यालय के सामने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है। सभी पदाधिकारियों, संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, शिक्षकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों से श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित रहने का अनुरोध किया है।