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शैक्षणिक परिसर में भी संचालित होंगी एनएसएस की गतिविधियां

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शैक्षणिक परिसर में भी संचालित होंगी एनएसएस की गतिविधियां

राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की गतिविधियां विश्वविद्यालय के शैक्षणिक परिसर अवस्थित स्नातकोत्तर विभागों में भी संचालित की जाएंगी। इसके लिए स्नातकोत्तर विभागों में विधिवत एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी की नियुक्ति की जाएगी। इस बावत कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने निदेशानुसार कुलसचिव प्रो. अशोक कुमार ठाकुर एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने सभी स्नातकोत्तर विभागाध्यक्षों को पत्र प्रेषित किया है। पत्र में अनुरोध किया गया है कि कार्यक्रम पदाधिकारी की नियुक्ति हेतु शिक्षकों का पैनल उपलब्ध कराया जाए।

डॉ. शेखर ने बताया कि एनएसएस की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सौंवें जयंती वर्ष पर 1969 में शैक्षणिक परिसर और समुदाय के बीच एक सार्थक संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से की गई थी। गांधी ने माना था कि जब तक छात्र-युवाओं को समुदाय के उत्थान के लिए प्रेरित नहीं किया जाएगा, तब तक देश वांछित दिशा में प्रगति नहीं कर सकता। अतः संप्रति वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में लाने के लिए एनएसएस की सक्रिय सहभागिता अपेक्षित है। इसमें कार्यक्रम पदाधिकारी की महती भूमिका होती है।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम पदाधिकारी छात्र-छात्राओं के लिए एक मित्र, दार्शनिक एवं मार्गदर्शक होता है। वह युवाओं को आवश्यक नेतृत्व प्रदान करता है और वह सामुदायिक सेवा के माध्यम से छात्रों के व्यक्तित्व विकास में मदद करता है।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम पदाधिकारी का चयन केवल शिक्षण संकाय के सदस्यों में से ही किया जाएगा। इसमें ऐसे शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी प्रेरणा, रुचि एवं सामुदायिक कार्य के प्रति उच्च स्तर का समर्पण हो और जिनका छात्रों के साथ अच्छा तालमेल हो।

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