*याद किए गए डॉ. रवि*
*प्रतिमा-स्थल का शिलान्यास समारोह संपन्न*
*डॉ. रवि के विचारों को अपनाएं : कुलपति*
डाॅ. रवि (जन्म 1943- निधन 2021) एक सुप्रसिद्ध विद्वान, स्वाभिमानी शिक्षक, कुशल प्रशासक, लोकप्रिय राजनेता एवं सहृदय इंसान थे। उन्होंने पूरे बिहार और विशेषकर कोसी- सीमांचल के शिक्षा, साहित्य एवं राजनीति में अविस्मरणीय योगदान दिया है। यह बात कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने कही।
वे बुधवार को पूर्व सांसद (लोकसभा एवं राज्यसभा) एवं बीएनएमयू, मधेपुरा के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर डॉ. रमेन्द्र कुमार यादव ‘रवि’ की प्रतिमा-स्थल के शिलान्यास समारोह में शिलान्यासकर्ता-सह- मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन डॉ. रवि की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर डॉ. रवि विचार मंच तथा डॉ. रवि के परिजनों की ओर से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक परिसर में किया गया। मालूम हो कि प्रतिमा का निर्माण डॉ. रवि के तीनों पुत्रों यथा- डॉ. रत्नदीप, प्रो. (डॉ.) कुमार चन्द्रदीप एवं डॉ. अमरदीप तथा पुत्री डॉ. मधुनंदा द्वारा किया जा रहा है।
*डॉ. रवि ने रखी विवि की मजबूत आधारशिला*
कुलपति ने कहा कि संस्थापक कुलपति के रूप में डॉ. रवि ने विश्वविद्यालय के विकास की मजबूत आधारशिला रखी। उन्होंने अल्पावधि में ही कोसी प्रोजेक्ट की जमीन को अधिग्रहीत कराने सहित कई ऐतिहासिक कार्यों को अंजाम दिया।
उन्होंने कहा कि डॉ. रवि द्वारा बनाए गए मजबूत धरातल पर ही यह विश्वविद्यालय तैंतीस वर्षों से इस क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगा रहा है। लेकिन अब वह समय आ गया है कि हम इस विश्वविद्यालय को एक पहचान दिलाएं। इसके लिए हम सबों को अपने-अपने निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर विश्वविद्यालय के हित में कार्य करने के लिए आगे आना होगा।
*सांस्कृतिक क्षेत्र में भी सक्रिय थे डॉ. रवि*
कुलपति ने कहा कि डॉ. रवि वास्तव में कवि-हृदय थे। उन्होंने राजनीति से भी अधिक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई। वे बुद्धिजीवी विचार मंच के अध्यक्ष, राष्ट्र भाषा परिषद् के सदस्य, बिहार मैथिली अकादमी के सदस्य, सदस्य, राज्य भाषा समिति के सदस्य एवं हिन्दी साहित्य सम्मेलन, मधेपुरा के अध्यक्ष रहे।
कुलपति ने बताया कि डॉ. रवि की कई पुस्तकें प्रकाशित हैं। इनमें परिवाद, आपातकाल क्यों, लोग बोलते हैं, बातें तेरी कलम मेरी, बढ़ने दो देश को, ओ समय, मगर बंद है डगर, जब सब कुछ नंगा हो रहा हो, तीन वर्ष तीन आयाम आदि प्रमुख हैं। इनमें से कुछ पुस्तकें विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में भी शामिल हैं।
*डॉ. रवि का राजनीति में था विशिष्ट स्थान*
इस अवसर पर पूर्व प्रतिकुलपति प्रो. के. के. मंडल ने कहा कि डॉ. रवि का देश की राजनीति में एक विशिष्ट स्थान था। उन्होंने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। बाद में वे जनता दल से रिकार्ड मतों से संसद में पहुंचे। वे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव एवं वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अत्यंत करीबी रहे।
*मधेपुरा के विश्वकर्मा थे डॉ. रवि*
साहित्यकार प्रो. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि डाॅ. रवि मधेपुरा के विश्वकर्मा थे। मई 1981 में मधेपुरा को जिला घोषित कराना और 1992 में यहाँ विश्वविद्यालय की स्थापना उनकी अविस्मरणीय देन है।
*कुलपति ने किया विधिवत शिलान्यास पूजन*
इसके पूर्व कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने विधिवत शिलान्यास- पूजन किया। शिलान्यासकर्ता -सह-मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति ने शिलापट्ट का अनावरण किया। कुलपति को अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के आयोजन में डॉ. रवि के परिजनों यथा डॉ. रत्नदीप (पुत्र), प्रो. (डॉ.) कुमार चन्द्रदीप (पुत्र), डॉ. मधुनंदा (पुत्री), डॉ. अमरदीप (पुत्र) एवं डॉ. किरण कुमारी (पुत्रवधु) तथा डॉ. रवि विचार मंच के शंभू नारायण यादव (अध्यक्ष) एवं डॉ. सुधांशु शेखर (सचिव) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
*डॉ. रवि के सपनों को साकार करने का संकल्प*
इस अवसर पर डॉ. रवि के सभी पुत्र, पुत्री एवं पुत्रवधू ने विश्वविद्यालय परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया। सबों ने डॉ. रवि के सपनों को साकार करने के लिए हरसंभव प्रयास करने हेतु हरसंभव प्रयास करने का संकल्प दुहराया। आगे जल्द ही प्रतिमा-निर्माण का कार्य शुरू कराया जाएगा।
*सैकड़ों लोग रहे उपस्थित*
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कई पदाधिकारी, संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, प्रधानाचार्य, शिक्षक कर्मचारी, शोधार्थी, विद्यार्थी, समाजसेवी एवं राजनीतिक कार्यकर्ता सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
इनमें वित्तीय परामर्शी चतुर किश्कू, डीएसडब्ल्यू डॉ. अशोक कुमार सिंह, डॉ. बिमल सागर, डॉ. कैलाश प्रसाद यादव, डॉ. अशोक कुमार यादव, डॉ. जवाहर पासवान, डॉ. अशोक कुमार, देव प्रकाश यादव, प्रो. राजीव कुमार मल्लिक, डॉ. अमोल राय, डॉ. विश्वनाथ विवेका, डॉ . रमेश ऋषिदेव, विजेन्द्र नारायण यादव, प्रदीप कुमार झा, जयकांत यादव, भोला प्रसाद यादव, तेज नारायण यादव, गजेन्द्र यादव, अरहुल देवी, नीलू कुमारी, परमेश्वरी यादव, ई. प्रणव प्रकाश, मनोज भटनागर, अजय कुमार, स्वदेश कुमार, राहुल यादव, डॉ. राजीव जोशी, डॉ. सुमंत कुमार उर्फ बबलू सम्राट, डॉ. नीरज कुमार, अशोक चौधरी, नरेश पासवान, युगल पटेल, विनोद यादव, देवेश सिंह, अरविन्द यादव, अमरेन्द्र यादव, अनवारुल हक, हरि साह, सोनू यादव, निरंजन कुमार निराला, डॉ. संजय सत्यार्थी, डॉ. बिनोद कुमार यादव, त्रिवेणी प्रसाद यादव, अमृत अमरकांत, डॉ. मो. वसीम नन्हें, एजाज अहमद ‘बबलू’, निशांत यादव, पावेल रोशन यादव, इंद्रजीत यादव, मो. सलाउद्दीन, मो. जुबेर आदि प्रमुख थे।