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याद किए गए जननायक कर्पूरी ठाकुर

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*याद किए गए जननायक कर्पूरी ठाकुर*

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संघर्षों से भरा हुआ है कर्पूरी का जीवन : प्रधानाचार्य

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ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में सोमवार को भारतरत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने बताया कि श्री ठाकुर का जीवन संघर्षों से भरा हुआ है। उनका जन्म 24 जनवरी, 1924 को बिहार के दरभंगा (समस्तीपुर) जिले के पितौंझिया (अब कर्पूरी ग्राम) में हुआ। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और 1943 में गिरफ्तार कर लिए गए। उन्होंने 1945 में जेल से रिहा होने के बाद भी ब्रिटिश राज के विरुद्ध और भूमिहीन किसानों के हित में अहिंसक संघर्ष जारी रखा।

 

मुख्य अतिथि अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन ने बताया कि श्री ठाकुर 1948 में आचार्य नरेंद्र देव एवं जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में गठित सोशलिस्ट पार्टी के प्रांतीय मंत्री चुने गए। वे 1952, 1957 एवं 1962 के चुनाव में विजयी रहे। वे 1967 में बिहार के उप-मुख्यमंत्री बने और शिक्षा एवं वित्त मंत्रालयों का प्रभार संभाला। वे दो बार (1970 एवं 1977) बिहार के मुख्यमंत्री रहे। उनका 17 फरवरी, 1988 को निधन हो गया।

 

कार्यक्रम का संचालन करते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर एक महान स्वतंत्रता सेनानी, दूरदर्शी राजनेता तथा समाज सुधारक थे। उन्होंने वंचित वर्गों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने में महती भूमिका निभाई।

 

उन्होंने बताया कि कर्पूरी ठाकुर ने मैट्रिक परीक्षा में अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त किया और दसवीं कक्षा तक की शिक्षा को निःशुल्क भी किया। उन्होंने पिछड़ी जातियों, अत्यंत पिछड़ी जातियों, महिलाओं और उच्च जातियों के गरीबों के लिए शैक्षिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण भी लागू किया था।

 

कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की।

इस अवसर पर असिस्टेंट प्रोफेसर संजीव कुमार सुमन, डॉ. संजय कुमार, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, प्रधान सहायक नारायण ठाकुर, पीटीआई नंदन कुमार भारती, प्रणव कुमार प्रियदर्शी, महेश कुमार, सुनील कुमार, दीपक कुमार, मणिकान्त कामती, मोती यादव आदि उपस्थित थे।

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मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद युवा संसद से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और प्रो. कैलाश प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।

मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। कीर्ति कुम्भ (स्मरण एवं संवाद) कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। उद्घाटनकर्ता सह मुख्य अतिथि प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और मुख्य वक्ता प्रो. विनय कुमार चौधरी, पूर्व अध्यक्ष, मानविकी संकाय, बीएनएमयू, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।