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दैनिक जागरण रजत जयंती भाषण प्रतियोगिता आयोजित।बीएन मंडल विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में आयोजित किया गया कार्यक्रम

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विश्वविद्यालय रसायनशास्त्र विभाग (विज्ञान संकाय) में दैनिक जागरण द्वारा रजत जयंती भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। विभागाध्यक्ष (रसायनशास्त्र) अग्रज प्रो. नरेश कुमार जी तथा मित्रवर ब्यूरो प्रभारी (दैनिक जागरण) श्री अमितेश कुमार जी सहित सभी को बहुत-बहुत बधाई।


आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का है, जाब सीकर नहीं जाब क्रिएटर बनें : डा. नरेश
– पीजी के छात्रों ने स्वालंबन व आत्मनिर्भर बिहार बनाने का प्रस्तुत किया विजन- दैनिक जागरण के रजत जयंती भाषण प्रतियोगिता में बोले आइक्यूएसी निदेशक

– कहा, तकनीक हीं नहीं पर्यावरण से लेकर हर क्षेत्र में करना होगा काम
– बीएन मंडल विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में आयोजित किया गया कार्यक्रम

मधेपुरा : दैनिक जागरण अखबार समाजिक क्षेत्र में बेहतर करते हुए नित नए आयाम गढ़ रहा है। बिहार में दैनिक जागरण का 25 वर्षों कर सफर शानदार व उल्लेखनीय है। खासकर अपने रजत जयंती के उपलक्ष्य में छात्रों का विजन जानने के लिए जो 2050 के बिहार का परिकल्पना लिए भाषण प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है, उसका दूरगामी परिणाम आना है। 2050 में सपनों का बिहार कैसा होगा, यह जानने व छात्रों को आत्मसात कराने का जो यह प्रयास है, वह बेहद सराहनीय है। उक्त बातें आइक्यूएसी निदेशक सह विश्वविद्यालय के पीजी रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष डा. नरेश कुमार ने कही।

भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में आयोजित दैनिक जागरण के रजत जयंती भाषण प्रतियोगिता कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डा. नरेश कुमार ने कहा कि
स्वरोजार और 2050 का बिहार, यह विषय अपने आप में मूल्यवान है। आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का है। आने वाले 25 वर्षों में बिहार के युवाओं को हर क्षेत्र में बेहतर करना होगा, तभी हम समृद्ध बिहार और समृद्ध राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं। सिर्फ स्वरोजगार की बात करें तो यह क्षेत्र चुनौतीपूर्ण होगा। एआइ औ तकनीक के इस युग में छात्रों व युवाओं को जाब सीकर नहीं जाब क्रिएटर बनने की ओर अग्रसर होना होगा। चाहें वह कृषि आधारित लघु व कुटीर उद्योग हो, ग्लोबल वार्मिंग से बचाव के लिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अधिक से अधिक पौधारोपण हो या फिर अन्य समाजिक सराेकार हो। आने वाली पीढ़ी को हम बेहतर भविष्य दे सकें इसके लिए हर क्षेत्र में अथक प्रयास करने होंगे।

उन्होंने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है। बिहार के विकास की कल्पना किए बगैर देश के विकास की कल्पना करना बेमानी है। बिहार अगर विकसित होगा तो राष्ट्र समृद्ध होगा। बिहार देश की दिशा व दशा तय करता है। इसलिए युवाओं को अपने अतीत से सीख लेते हुए विरासत को समृद्ध करने का संकल्प लेना होगा। तभी हमारा भविष्य बेहतर होगा।
दैनिक जागरण हमारी संस्कृति व राष्ट्रीयता का वाहक :

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग (पीजी) विभागाध्यक्ष डा. सीपी सिंह ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पढाई के दिनों को याद करते हुए वाराणसी का संस्मरण व जागरण परिवार से जुड़ी चीजों को स्मरण करते हुए कहा कि दैनिक जागरण अखबार से एक आत्मीयता का संबंध है। हमने देखा है वाराणसी की गलियों, चाय की दुकानों, होटलों, रेस्तरां आदि जगहों पर लोग दैैनिक जागरण अखबार ही पढ़ते हैं। यह सिर्फ अखबार नहीं बल्कि हमारी संस्कृति का वाहक भी है। जागरण अखबार में राष्ट्रहित छलकता प्रसंग, राष्ट्र की संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, गौरव और हमारी परंपराएं समाहित है। वहीं विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान (पीजी) विभागाध्यक्ष डा. अशोक कुमार ने लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। मीडिया को निष्पक्ष भाव से राष्ट्रहित में काम करना चाहिए।
छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुत किया विजन डाक्युमेंट :

स्वरोजार और 2050 का बिहार विषय पर पीजी के 25 से अधिक छात्रों ने अपना विजन डाक्युमेंट पेश किया। सबों ने मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत व स्वाबलंबन के बदौलत शिक्षा, स्वास्थ्य समेत सभी क्षेत्रों बिहार को विकसित बनाने का अपना प्रस्त़ुत किया। छात्र-छात्राओं ने कहा कि हमें नौकरी की चाहत नहीं बल्कि इंटरप्रेन्योरशिप, स्टार्टअप इंडिया जैसे कैंपेन का हिस्सा बनना होगा, तभी हम आत्मनिर्भर बिहार और आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत कर पाएंगे।
धैर्य स्वराज प्रथम, प्रिंस द्वितीय व विवेक तृतीय स्थान पर रहे :

बीएनएनएमयू के नार्थ कैंपस स्थित रसायनशास्त्र विभाग में आयोजित दैनिक जागरण के रजत जयंती भाषण प्रतियोगिता रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष डा. नरेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर मुख्य रूप से विश्वविद्यालय के इतिहास (पीजी) विभागाध्यक्ष डा. सीपी सिंह, इतिहास(पीजी) विभागाध्यक्ष डा. अशोक कुमार, समाजशास्त्र(पीजी) विभागाध्यक्ष डा. राणा सुनील कुमार सिंह, एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डा. सुधांशु शेखर, तिलका मांझी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा. अशोक कुमार झा व रसायनशास्त्र विभाग के पूर्व एचओडी डा. अशोक कुमार उपस्थित रहे। जज की भूमिका में डा. राणा सुनील कुमार सिंह, डा. अशोक कुमार झा व डा. सुधांशु शेखर रहे।
प्रतियोगिता में 25 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। जिनमें धैर्य स्वराज प्रथम स्थान पर रहे। वहीं प्रिंस कुमार द्वितीय स्थान पर व विवेक कुमार तृतीय स्थान पर रहे। अन्य प्रतिभागियों में सौरभ राज, निशि कुमारी, कोमल कुमारी, सोनी कुमारी, रविकांत कुमार, मिलन कुमारी, अमन कुमार राज, रोशन कुमार, अभिमन्यु कुमार, अजय कुमार, बंटी कुमार, अभिनव आनंद, आशीष कुमार, चंदन कुमार, प्रियांशु प्रिंस आदि ने अपना विजन प्रस्तुत किया।

नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने को सरकारी स्तर पर हो बेहतर पहल
मधेपुरा : आज बिहार के लोग पलायन को मजबूर है। यहां के लोगों को अगर बिहार में ही रोजगार मिल जाएं तो इन्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए यहां के लोगों को नवाचार और उद्यम के लिए सरकारी स्तर पर बेहतर पहल की जरूरत है। तभी हमारा बिहार आगे जाएगा और विकसित राज्य की श्रेणी में शुमार होगा।

डा. सुधांशु शेखर, कार्यक्रम पदाधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना।
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राज्य भर में विकास और बदलाव हुआ है। इसका असर भी दिख रहा है। लेकिन स्वरोजगार की दिशा में अभी कई और ठोस कदम उठाने की जरूरत है। सरकार लगातार स्वरोगार से जोड़ने की दिशा में पहल कर रही है। ऐसे में आने वर्षों में इसका निश्चित रूप से असर दिखेगा। वहीं स्कील डेवलपमेंट के लिए प्रशिक्षण देकर युवाओं को दक्ष बनाने की जरूरत है। ताकि शिक्षा ग्रहण के बाद यह लोग अपना कार्य खुद से कर सकें।

डा. राणा सुनील कुमार सिंह, समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष, बीएनएमयू मधेपुरा।
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राज्य का हर युवा सरकारी नौकरी की तरफ भागता है। लेकिन सफल नहीं होने पर वह बाहर के राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो जाता है। अगर बिहार में उसे प्रोफेशनल बनाया जाय तो उसे रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। आने वाले 25 वर्षों में यह कार्य हो तो यहां के लोग नौकरी मांगने नहीं देने वाले बनेगें और आने वाले समय में बिहार अन्य राज्यों की अपेक्षा विकसित होगा।
धैर्य स्वराज, प्रथम।

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शिक्षा ही एक ऐसा शस्त्र है जिससे हम किसी भी परिस्थिति से लड़ सकते है। लेकिन आज शिक्षा के क्षेत्र में भी बदलाव लाने की जरूरत है। इसके लिए सरकारी स्तर पर काफ़ी सुधार की जरूरत है। हवा -हवाई बात से बिहार आगे नहीं जाएगा। इसके लिए ठोस निर्णय लेने होंगे। यहां के लोगों में कार्य क्षमता काफ़ी है। बस उसे तराशने की जरूरत है। एक नया बिहार के लिए युवाओं को उद्योग लगाने के लिए जरूरी संसाधन मुहैया कराने की जरूरत है। तभी बिहार देश का सिरमौर राज्य में शामिल हो पाएगा।

प्रिंस कुमार, द्वितीय।
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बिहार को लोग पिछड़ा राज्य कहते हैं। यह काफ़ी दुःखद है। इस भ्रांति से निकलने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। इसके लिए शिक्षा क्षेत्र में आमूल परिवर्तन लाना होगा। वहीं यहां के युवाओं को नौकरी करने के साथ नौकरी देने वाला बनना होगा। स्वरोजगार के क्षेत्र में यहां युवा अगर कदम रखें तो काफी बेहतर करेंगे। इसके लिए सरकारी स्तर पर युवाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
विवेक कुमार, तृतीय।

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