*पोषण और स्वास्थ्य विषयक परिचर्चा का आयोजन*.
ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में राष्ट्रीय सेवा योजना तथा सेहत केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में पोषण और स्वास्थ्य विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया।
*शारीर एवं मन दोनों को पोषण की जरूरत*
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि पोषण का एक व्यापक अर्थ है। हमें शारीर एवं मन दोनों को पोषण की जरूरत होती है। शारीरिक पोषण के अभाव में हमें कार्य करने में उर्जा नहीं मिलती है। मानसिक पोषण के अभाव में हम तनाव, हताशा, कुंठा, निराशा एवं अवसाद से घिर जाते हैं।
उन्होंने कहा कि देश में लाखों लोगों को पर्याप्त भोजन एवं पोषण नहीं मिल रहा है। इसके कारण लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे है। अतः हमें सभी लोगों को संतुलित भोजन के साथ-साथ समुचित पोषण उपलब्ध कराने की जरूरत है।
*समुचित पोषण से होती है स्वास्थ्य की प्राप्ति*
कार्यक्रम का संचालन करते हुए
दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि स्वास्थ्य अपने आप में स्थित हो जाना है। हमारे शारीर, मन एवं आत्मा तीनों का सभी दृष्टियों से स्वास्थ्य होना जरूरी है।
इस अवसर विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मधुनंदा, उषा आरती, रोशनी खातून, अभिलाषा, बाबुल, अमन, अस्मिता, विकास, चंदा, मौसम, सिक्की, मुस्कान, राधिका, रानी, रेखा, नीमा, अनीता, गुंजन, सिंपल, अनोखा, हिमांशु आदि उपस्थित थे।