Search
Close this search box.

नाम में क्या रखा है!

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

नाम में क्या रखा है!
——-

मैंने 03 जून, 2017 को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में असिस्टेंट प्रोफेसर (दर्शनशास्त्र) के रूप में योगदान दिया। इसके कुछ दिनों बाद ही अगस्त 2017 में तत्कालीन कुलपति गुरुवर प्रो. अवध किशोर राय सर ने मुझे जनसंपर्क पदाधिकारी की जिम्मेदारी दे दी। उस दौरान कुछ इस कार्य की प्रकृति के कारण और उससे भी अधिक कुलपति महोदय के साथ व्यक्तिगत संबंधों की वजह से मेरा अधिकांश समय विश्वविद्यालय में ही बीतता था।

लेकिन मुझे हमेशा विश्वविद्यालय से अधिक महाविद्यालय में सकून मिलता था। इसलिए मैं गाहे- बगाहे किसी-न- किसी कार्यक्रम के बहाने अपने ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय आ जाता था। यदि कभी दिनभर महाविद्यालय नहीं आ पाता, तो शाम को या देर रात भी महाविद्यालय के डॉ. अंबेडकर कल्याण छात्रावास ही पहुंच जाता था, जहां मेरे अग्रज डॉ. जवाहर पासवान अधीक्षक थे।

इधर, संयोग से मई 2024 में कुछ कारणवश मुझे विश्वविद्यालय से पूरा मोहभंग हो गया। मैंने उस समय के अपने दोनों पदों (विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष तथा उपकुलसचिव, स्थापना) से इस्तीफा दे दिया।‌ इसके बाद मैं अपने पैतृक महाविद्यालय की सेवा में पूर्णतया समर्पित हो गया। लगभग दस माह तक बिना किसी विशेष पद पर रहे मैंने महाविद्यालय के सभी सकारात्मक गतिविधियों में अपनी रचनात्मक भूमिका निभाई।

इस बीच मार्च 2025 में वर्तमान माननीय कुलपति प्रो. बी. एस. झा सर ने जबरन मुझे ‘अर्थपाल’ की जिम्मेदारी दे दी। अपने मनोनुकूल कार्य नहीं होने के बावजूद मैंने अर्थपाल की भूमिकाओं के सम्यक् निर्वहन करने की हरसंभव कोशिश की। कभी किसी की भी संचिका को पेंडिंग नहीं किया, कभी किसी से भी कोई कमीशन नहीं लिया और किसी के दवाब में आकर काम करने का तो सवाल ही नहीं है।

खैर, यह पोस्ट मैंने अर्थपाल के रूप में अपने महज पांच माह 23 दिन के छोटे-से कार्यालय की कुछ छोटी-छोटी उपलब्धियों को गिनाने  के लिए नहीं लिखा है और वह जरुरी भी नहीं है। लेकिन आज जो पत्र मिला, उसने मुझे यह पोस्ट लिखने को प्रेरित किया।

दरअसल, पत्र में और लिफाफे पर दोनों में से कहीं भी मेरा नाम नहीं है। दोनों जगहों पर लिखा है, ‘निवर्तमान अर्थपाल’। कितना प्यारा नाम है न! छोड़िए, शेक्सपियर ने कहा है कि नाम में क्या रखा है!!

#सुधांशु_शेखर
#ठाकुर_प्रसाद_महाविद्यालय
#अभाविप

READ MORE