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डॉ. सुनीता झा के निधन पर शोक-सभा आयोजित। पूरे बिहार की उच्च शिक्षा के लिए अपूर्णीय क्षति : प्रधानाचार्य 

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डॉ. सुनीता झा के निधन पर शोक-सभा आयोजित।

पूरे बिहार की उच्च शिक्षा के लिए अपूर्णीय क्षति : प्रधानाचार्य 

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डॉ. सुनीता झा एक विद्वान शिक्षिका एवं सहृदयी महिला थीं। उनके निधन से न केवल कोसी एवं सीमांचल वरन् पूरे बिहार में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपूर्णीय क्षति हुई है।‌

 

यह बात ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कही।

 

वे शनिवार को महाविद्यालय में यूभीके कॉलेज, कडामा- आलमनगर, मधेपुरा में गृहविज्ञान के विभागाध्यक्ष एवं श्रीकृष्णा विश्वविद्यालय, उदाकिशुनगंज, मधेपुरा की संस्थापक सदस्या‌ डॉ. सुनीता झा के सम्मान में आयोजित शोक-सभा की अध्यक्षता कर रहे थे।

 

प्रधानाचार्य ने बताया कि डॉ. झा यूभीके कॉलेज के संस्थापक प्रधानाचार्य डॉ. माधवेन्द्र झा की धर्मपत्नी एवं कम्यूनिटी कॉलेज के निदेशक डॉ. सिप्पु झा की मां थीं। उन्होंने पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ शैक्षणिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाया।‌ वे विभिन्न शैक्षणिक कार्यों से अक्सर विश्वविद्यालय एवं टी. पी. कॉलेज, मधेपुरा आती रहती थीं।

 

*डॉ. सुनीता ने परिवार एवं समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई*

कुलानुशासक डॉ. बी. एन. विवेका ने कहा कि डॉ. सुनीता ने अपने परिवार एवं समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कोसी-सीमांचल में उच्च शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यदि उनका सहयोग नहीं होता, तो यूभीके कॉलेज एवं श्रीकृष्णा विश्वविद्यालय की स्थापना नहीं हो सकतीं।

*जरुरतमंदों की मदद करती थीं डॉ. सुनीता*

कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव ने कहा कि वे एक अत्यंत ही दयालु महिला थीं। कोई भी उनके घर से खाली हाथ लौटकर नहीं आता था।

 

उन्होंने कहा कि डॉ. सुनीता सभी जरुरतमंदों की मदद करती थीं। उन्होंने क्षेत्र के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा एवं पिछड़ा वर्ग के उत्थान में महती भूमिका निभाई।

*धर्मपरायण एवं सहृदयी महिला थीं डॉ. सुनीता*

दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि डॉ. सुनीता झा एक अत्यंत ही धर्मपरायण एवं सहृदयी महिला थीं। वे अपने सहयोगियों एवं सहकर्मियों से काफी प्रेमपूर्ण व्यवहार करती थीं।

 

इस अवसर पर कमल किशोर यादव, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, नारायण ठाकुर, राजीव कुमार रंजन, विनोद कुमार, अर्जुन शाह, नंदन भारती, महेश कुमार, सुनील कुमार, परमानंद प्रसाद, बुद्ध सेन कुमार, टेक नारायण यादव, दीपक कुमार, रुपेश कुमार, बबलू कुमार महतो, मोहन कुमार राम, गणेश मुखिया, राजेंद्र मलिक, मोती कुमार यादव, लीलाकांत झा, सुशील गुप्ता, रूपेश कुमार, सुनील कुमार आदि उपस्थित थे।

अंत में दो मिनट का मौन रखकर डॉ. सुनीता की आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की गई। ईश्वर से यह भी प्रार्थना की गई कि वे उनके परिजनों एवं शुभचिंतकों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करें।

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