*जन्मोत्सव पर याद किए गए डॉ. अंबेडकर*
पूरी मानवता के उद्धारक थे डॉ. अंबेडकर : कुलपति
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भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे एक अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, धर्मशास्त्री एवं दार्शनिकों के साथ-साथ एक समाज-सुधारक, राजनेता, कानूनविद एवं संविधान-विशेषज्ञ भी थे। हम उनके विचारों एवं कार्यों को अपने जीवन में उतारें, यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने कही। वे सोमवार को डाॅ. अंबेडकर के 135वें जन्मोत्सव समारोह में उद्घाटनकर्ता- सह-मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं राष्ट्रीय कैडेट कोर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
*केवल दलितों के मसीहा नहीं थे डॉ. अंबेडकर*
कुलपति ने कहा कि डाॅ. अंबेडकर केवल दलितों के मसीहा नहीं, बल्कि पूरी मानवता के उद्धारक थे। उनका जीवन समाज के सभी शोषितों, पीड़ितों, वंचितों एवं बहिष्कृतों के लिए समर्पित था।
*संविधान में परिलक्षित होता है व्यापक चिंतन*
कुलपति ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का व्यापक मानवतावादी चिंतन स्वतंत्र भारत के संविधान में परिलक्षित होता है। उन्होंने संविधान के माध्यम से भारत के सभी लोगों के लिए स्वतंत्रता, समानता, बंधुता का आदर्श प्रस्तुत किया है। यह संविधान चंद लोगों के लिए नहीं है, सबों के लिए है। यह सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय की गारंटी देता है। स्वतंत्रता के पूर्व भी उन्होंने श्रम-सुधार, महिला-अधिकारिता एवं बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के लिए अभूतपूर्व कार्य किया।
*विश्व-रत्न के रूप में समादृत है़ं डॉ. अंबेडकर*
कुलपति ने कहा कि डाॅ. अंबेडकर ने अपनी योग्यता के दम पर कठिन परिस्थितियों में संघर्ष करके उच्च शिक्षा हासिल की और पूरी दुनिया में अपना एक अपूर्व स्थान बनाया। वे आज दुनिया में ज्ञान के प्रतिक तथा विश्व-रत्न के रूप में समादृत है़ं।
कुलपति ने कहा कि डॉ. अंबेडकर हम सबों के हैं और उनके विचारों एवं कार्यों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी भी हम सबों की है। हमें इनको जाति, धर्म एवं क्षेत्रीय संकीर्णताओं में नहीं बांधना चाहिए।
*बदलना होगा समाज की मानसिकता*
कुलपति ने कहा कि जातिवाद एवं छुआछूत मात्र भौतिक बात नहीं है, बल्कि यह एक मानसिकता है। हमें इसे दूर करने के लिए आगे आना होगा। सबों को मिलाकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए कार्य करना होगा।
*मानवाधिकार के लिए समर्पित था डॉ. अंबेडकर का जीवन*
हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. वीणा कुमारी ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन मानवाधिकार के लिए समर्पित था। उन्होंने ‘हमें शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’ का संदेश दिया है।
कुलपति के पूर्व निजी सहायक एवं परिसंपदा पदाधिकारी शंभू नारायण यादव ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का चिंतन काफी व्यापक है। उन्होंने संपूर्ण समाज एवं राष्ट्र के विकास के लिए कार्य किया है।
*प्रधानाचार्य ने की अध्यक्षता*
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि इक्कीसवीं सदी वास्तव में डॉ. अंबेडकर की सदी है। इस सदी में इनके विचार पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहे हैं।
मंच संचालन करते हुए दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि डॉ. अंबेडकर एक प्रखर राष्ट्रवादी एवं मानवता के पुजारी थे।
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार यादव ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के विचारों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने की जरूरत है।
इस अवसर पर सीनेटर डॉ. रंजन यादव, शोधार्थी द्वय राहुल पासवान एवं राजहंस राज आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।कार्यक्रम के आयोजन में नारायण ठाकुर, मनीष कुमार, सौरभ कुमार चौहान, सुनील कुमार, वाणी कुमारी, खुशी कुमारी, शुक्रिया कुमारी, मुनचुन कुमारी,शालू कुमारी,प्रीति कुमारी, साक्षी प्रिया, सोनम कुमारी, वंदना कुमारी, अभिनव रमन, सत्यम कुमार,राजीव कुमार, हिमांशु कुमार, आलोक कुमार, गौरव कुमार आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
*दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर*
इसके पूर्व महाविद्यालय परिसर में कुलपति को एनसीसी पदाधिकारी ले. गुड्डु कुमार के नेतृत्व में एनसीसी कैडेट्स ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। एनएसएस के स्वयं-सेविकाओं ने कुलपति का तिलक लगाकर अभिनंदन किया।
*ली गई शपथ*
कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलपति एवं अन्य अतिथियों ने डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की। दीप प्रज्ज्वलन कर विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। अतिथियों को अंगवस्त्रम्, पुष्पगुच्छ तथा सामाजिक न्याय : अंबेडकर-विचार एवं आधुनिक संदर्भ पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया। छात्राओं द्वारा स्वागत गीत कि भी प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम के अंत में कुलपति के नेतृत्व में संविधान की उद्देशिका का सामुहिक वाचन किया गया और इसके आदर्शों को जीवन में उतारने की शपथ ली गई।
*खचाखच भरा रहा हॉल*
इस अवसर पर सौ से अधिक शिक्षक, कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। हॉल खचाखच भरा रहा और की विद्यार्थी घंटों खड़े होकर अतिथियों की बातें सुनते रहे। उपस्थित लोगों में में अमित कुमार, डॉ आशुतोष झा, कुंजन लाल पटू, डॉ. रतन कुमार, डॉ. कुंदन कुमार, डॉ. विकास आनंद, शिवम कुमार, कृष्ण कुमार, भूपेश कुमार, असीम आनंद, सुप्रिया सुमन, विनीत राज, अमित कुमार, आनंद विविधता, नीतीश कुमार, निशा कुमारी, अनीता, स्वाति कुमारी, निवेदिता, रितु कुमारी, प्रिया, विश्वास, वंदना, कुमारी, अंकित मिश्रा, सोनू कुमार, विनोद कुमार, रोशन कुमार, आभा कुमारी, खुशबू कुमारी, मोनू कुमार, रविशंकर कुमार, सौरभ कुमार, राजकुमार, पूरण कुमार, सुमन कुमार, आर्यन कुमार, शिवानी कुमारी, सरवन कुमार, राजा कुमार, विद्या कुमार, रानी प्रकाश, अमित कुमार, नितीश कुमार, राजेश कुमार, आशीष कुमार, गुलशन कुमार, राहुल कुमार, रोशन कुमार, त्रिलोक कुमार , समधन कुमार, कृष्ण देव कुमार, सौरभ कुमार, राहुल कुमार, रामनरेश कुमार, सुमित कुमार, राजीव कुमार, सुमित कुमार, विरेंद्र कुमार, दिलखुश कुमार, अजय कुमार, निर्मल कुमार , गौरव कुमार, धनंजय कुमार ,संजीव कुमार रोशन, टुनटुन कुमार , मुकेश कुमार यादव आदि प्रमुख रहे।