Search
Close this search box.

Poem। कविता / लहरें /अंजलि आहूजा, श्रीनगर गढ़वाल, उत्तराखंड पिन-246174

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

लहरें
ठंडी ठंडी लहरें,
छू कर पैरों को जाती लहरें
आती लहरें जाती लहरें
लाती कुछ ले जातीं लहरें
बलखातीं इठलातीं लहरें
क्या कह जातीं हमसे लहरें
चलते रहना, कभी न थमना
मस्ती में बहना, कह जातीं लहरें
मन की लहरें या लहरों में मन है
जल में लहरें या लहरों में जल है।

अंजलि आहूजा
आहूजा भवन, कमलेश्वर रोड
श्रीनगर गढ़वाल, उत्तराखंड
पिन-246174

(बीएनएमयू संवाद के लिए आपकी रचनाएं एवं विचार सादर आमंत्रित हैं। आप हमें अपना आलेख, कहानी, कविताएं आदि भेज सकते हैं।
संपर्क वाट्सएप -9934629245)

READ MORE

मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद युवा संसद से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और प्रो. कैलाश प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।

मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। कीर्ति कुम्भ (स्मरण एवं संवाद) कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। उद्घाटनकर्ता सह मुख्य अतिथि प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और मुख्य वक्ता प्रो. विनय कुमार चौधरी, पूर्व अध्यक्ष, मानविकी संकाय, बीएनएमयू, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।