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छात्र समाज व राष्ट्र की वो पूंजी जिसके सदुपयोग से हर मुकाम संभव* 

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विश्व छात्र दिवस पर राठौर की कलम से……

 

 

*छात्र समाज व राष्ट्र की वो पूंजी जिसके सदुपयोग से हर मुकाम संभव* 

 

 

छात्र किसी भी समाज के वो अंग है जिसपर भविष्य की दशा और दिशा निर्भर करती है वो जिस तरफ जाएंगे अथवा शिक्षक एवं व्यवस्था जिस रूप में उन्हें ढालेंगे समाज भी उसी तरफ स्वतः मुड़ जाएगी।17 नवंबर यानी अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस वो दिन है जो हर साल छात्र सक्रियता की समझ, सामाजिक बदलाव में इनकी सहभागिता, दुनिया को आकार देने में उनके योगदान का सम्मान देने का अवसर प्रदान करती है। यह दिन शिक्षा के लिए छात्रों के संघर्षों और आकांक्षाओं को स्वीकार करता है।

*विश्व छात्र दिवस – 2024 का थीम वर्तमान समय पर केंद्रित*

 

यह सर्वविदित है कि हर महत्वपूर्ण दिवस अपने लिए हर साल विशेष थीम निर्धारित करता है और उसी पर अगले थीम तक काम करता है।वर्ष 2024 के लिए थीम के रूप में *अधिक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज बनाने में परिवर्तन-निर्माता के रूप में छात्रों की शक्ति* है। यह इस दिवस वर्ष में अपनी बात ,संकल्प को छात्रों में उतारने में सफल होगा इसके लिए विभिन्न स्तरों पर विश्व के विभिन्न हिस्सों में प्रोग्राम होते रहेंगे।

 

*विश्व छात्र दिवस का है अपना महत्व*

 

हर दिवस मनाने के पीछे कोई न कोई खास वजह होती है अंतराष्ट्रीय छात्र दिवस भी इससे अछूता नहीं है।17 नवंबर को मनाए जाने के पीछे छात्र सक्रियता में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना का है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1939 में नाजी शासन के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के फलस्वरूप हुई और तब से यह एक वैश्विक आंदोलन के रूप में विकसित हुआ है जो सामाजिक परिवर्तन में छात्रों की भूमिका हमेशा चर्चा में रखता है।

 

विश्व छात्र दिवस पहली बार 17 नवंबर, 1941 को चेकोस्लोवाकिया पर नाजी कब्जे के दौरान हुई दुखद घटनाओं के जवाब में मनाया गया था। इस दिन, 1,200 छात्रों को गिरफ्तार किया गया था, और शासन का विरोध करने के लिए कई को मार डाला गया था। नाजी बलों ने विश्वविद्यालयों को भी बंद कर दिया और छात्रों को एकाग्रता शिविरों में भेज दिया। इस दिन को उन छात्रों को सम्मानित करने के लिए चुना गया था जिन्होंने अपने अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और विस्तार से, उन सभी छात्रों को सम्मानित किया जिन्होंने स्वतंत्रता, शिक्षा और मानवाधिकारों के लिए बलिदान दिया।छात्र बेहतर दुनिया के भावी निर्माता कहे जाते हैं। डॉ राजेंद्र प्रसाद ने छात्रों के संबंध में कहा है कि *छात्र होने का मतलब है आजीवन सीखते रहना, हमेशा अधिक की तलाश करना, बेहतर के लिए प्रयास करना।”* छात्र इस बात को समझेंगे और समाज और राष्ट्र के बढ़ते कदम में अपना शत प्रतिशत देंगे इन्हीं कामनाओं के साथ अंतराष्ट्रीय छात्र दिवस की सबों को बधाई।

*हर्ष वर्धन सिंह राठौर*

शोधार्थी, इतिहास BNMU

प्रधान संपादक,युवा सृजन पत्रिका

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