“अंगचंपा” के यशस्वी संपादक और हिन्दी विभाग, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के प्रोफेसर डाॅ. प्रेम प्रभाकर आज सुबह हमें बिना बताए अनंत यात्रा पर चले गए। https://youtu.be/fmeXvyKjVdYयह हिंदी साहित्य और शिक्षा जगत के लिए तो अपूर्णीय क्षति है ही मेरे लिए भी किसी विपदा से कम नहीं है।
आज मैंने अपना एक अभिभावक, मार्गदर्शक एवं शुभचिंतक खो दिया।
उनका इस तरह अचानक चले जाना हमारे लिए एक सदमे की तरह है। सादर नमन।