BNMU। पीआरओ की पीड़ा/ डॉ. सुधांशु शेखर
पीआरओ की पीड़ा =================== ———————————————- मैं मूलतः एक पत्रकार हूँ। मैंने स्नातक के अध्ययन के दौरान ही ‘प्रभात खबर’, भागलपुर से सक्रिय पत्रकारिता की शुरूआत
पीआरओ की पीड़ा =================== ———————————————- मैं मूलतः एक पत्रकार हूँ। मैंने स्नातक के अध्ययन के दौरान ही ‘प्रभात खबर’, भागलपुर से सक्रिय पत्रकारिता की शुरूआत
मेरे जीवन में डॉ. अंबेडकर ————————– मेरी समकालीन भारतीय दार्शनिकों में रूचि है। खासकर स्वामी विवेकानंद, महात्मा गाँधी, डाॅ. भीमराव अंबेडकर, जे. कृष्णमूर्ति और ओशो
प्रथम साक्षी से संवाद जनवरी 1992 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव की सरकार ने कोसी में विश्वविद्यालय की बहुप्रतीक्षित मांग को
कीर्ति नारायण मंडल : व्यक्तिव एवं कृतित्व ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय मधेपुरा, मधेपुरा में महामना कीर्ति नारायण मंडल की जयंती कार्यक्रम में आना एक सुखद अनुभव
कारपोरेट कल्चर : मंथरा, कैकई एवं विभीषण कीपॉपुलरिटी खतरनाक लेखक- डॉ प्रणय प्रियंवद, जमालपुर, मुंगेर, बिहार रा = राष्ट्रीय म= मन राम कथा का सबसे
तदुपरान्त बनाम तदोपरान्त मेरे प्राध्यापकीय जीवन के प्रारम्भिक दिन थे। उनदिनों मैं भागलपुर के टी.एन.बी. काॅलेज में पदस्थापित था। बी. ए. के पाठ्यक्रम में हिन्दी
जिनका बचपन जिनके कंधे पर होता है उनकी जवानी उनके कंधे पर कभी नहीं होती यानी वह किसी और के कंधे पर सवार हो तय
मुझे अँधेरों में रखा डॉ कविता भट्ट ‘शैलपुत्री’ श्रीनगर-गढ़वाल, उत्तराखंड मेरी सरलता ने मुझे अंधेरों में रखा, वरना, कोई कमी न थी मुझे उजालों की।
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