BNMU। ‘सोहर’ की विविधरूपात्मक यात्रा
‘सोहर’ की विविधरूपात्मक यात्रा प्रो. (डाॅ.) बहादुर मिश्र, पूर्व अध्यक्ष, विश्वविद्यालय हिंदी विभाग, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार ‘सोहर’ लोकगीत का वह जनप्रिय रूप है,
‘सोहर’ की विविधरूपात्मक यात्रा प्रो. (डाॅ.) बहादुर मिश्र, पूर्व अध्यक्ष, विश्वविद्यालय हिंदी विभाग, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर, बिहार ‘सोहर’ लोकगीत का वह जनप्रिय रूप है,
क्या ‘दिवंगत आत्मा’ का प्रयोग उचित है? श्री प्रभाकर मिश्र ने जानना चाहा है कि क्या किसी मृत व्यक्ति के लिए ‘दिवंगत आत्मा’ का प्रयोग
सौन्दर्य बनाम सौन्दर्यता हिन्दी के भाववाचक विशेष्य (संज्ञा), ‘सौन्दर्य’ अथवा ‘चातुर्य’ के स्थान पर ‘सौन्दर्यता’ या ‘चातुर्यता’ का प्रयोग देखकर आप कैसा अनुभव करेंगे? सहज
पीड़ित मानवता के अमर कथा-शिल्पी : शरतचंद्र आज 15 सितंबर है, अर्थात् भारत के अमर कथाकार, नारी वेदना के सहभोक्ता और कथात्मक नियोक्ता शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
पीआरओ की पीड़ा =================== ———————————————- मैं मूलतः एक पत्रकार हूँ। मैंने स्नातक के अध्ययन के दौरान ही ‘प्रभात खबर’, भागलपुर से सक्रिय पत्रकारिता की शुरूआत
मेरे जीवन में डॉ. अंबेडकर ————————– मेरी समकालीन भारतीय दार्शनिकों में रूचि है। खासकर स्वामी विवेकानंद, महात्मा गाँधी, डाॅ. भीमराव अंबेडकर, जे. कृष्णमूर्ति और ओशो
*लाभ साहेब से मुलाकात* ———————————————————————– लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में आयोजित अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के 63 वें अधिवेशन के अंतिम दिन (23 अक्टूबर 2018 को)
स्वास्थ्य शरीर, मन और आत्मा की सामंजस्यपूर्ण स्थिति है। इस स्थिति में व्यक्ति सभी प्रकार की रूग्नताओं से मुक्त होता है और उसके सभी अंग-प्रत्यंग
बिहारी युवा मूर्तिकार मधुरेन्द्र कुमार/रेत पर कलाकृतियों को उकेर दुनिया को देते नया संदेश अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके 26 वर्षीय युवा मधुरेन्द्र
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