SUBSCRIBE NOW

FOLLOW US

Search
Close this search box.

Madhepura गणतंत्र दिवस पर विशेष।                             संविधान सभा के सदस्य कमलेश्वरी प्रसाद यादव।

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

गणतंत्र दिवस पर विशेष।                             संविधान सभा के सदस्य कमलेश्वरी प्रसाद यादव।

*बतौर संविधान सभा सदस्य संविधान निर्माण में रही कमलेश्वरी बाबू अहम भूमिका*

26 जनवरी को जब भारत 75 वीं गणतंत्र दिवस धूमधाम से मना रहा और विश्व के सबसे बड़े संविधान के सहारे सफल राष्ट्र संचालन पर इतरा रहा है तब मधेपुरा की उपज और खगड़िया से संविधान सभा सदस्य रहे कमलेश्वरी प्रसाद यादव की बरबस याद आती है। राजनीतिक ,सांस्कृतिक,साहित्यिक,कला संस्कृति में उर्वरा रही मधेपुरा के अनमोल रत्न कमलेश्वरी प्रसाद यादव की आजादी के बाद राष्ट्र के संचालन के लिए अत्यन्त दुरूह कार्य संविधान निर्माण में भी बतौर सदस्य की भूमिका इसका प्रमाण है।संविधान सभा सदस्य के रूप में उनके विचार और सुझाव आज राष्ट्र के अमूल्य धरोहर संविधान का हिस्सा है।संविधान सभा में सामाजिक स्तर के विभिन्न मुद्दों पर स्थानीय परिस्थितियों को उन्होंने बखूबी उकेरा था

*उस दौर के डबल एमए कमलेश्वरी बाबू के पास था लम्बा अनुभव*

बिहार से लगभग तीन दर्जन सदस्यों में से एक कमलेश्वरी बाबू। बिहार से यादव समाज के एकलौते प्रतिनिधि भी थे। उस समय पटना व बनारस विश्वविद्यालय से डबल एमए रहे कमलेश्वरी बाबू को संविधान सभा की बैठकी में अलग अलग बिंदुओं पर चिंतन मनन में सक्रिय भागीदारी के लिए जाना जाता है ।

*संविधान की मूल कॉपी बिहार आने के ऐतिहासिक पल के भी हिस्सा रहे कमलेश्वरी बाबू*

संविधान की मूल प्रति जब पटना लाई गई बीमार चल रहे अस्थाई अध्यक्ष रहे सच्चिदानंद सिन्हा के हस्ताक्षर के लिए तो उस समय भी कमलेश्वरी प्रसाद यादव की वहां उपस्थिति रही ,संविधान से जुड़े समय में यह ऐतिहासिक पल रहा।

*राजनीति और शिक्षा में भी रहा ऊंचा कद*

संविधान सभा में सदस्य की भूमिका निभाने के अतिरिक्त कमलेश्वरी यादव दो बार विधायक बन जनता के दिलों में भी गहरी पैठ रखते थे समाज सेवा और शिक्षा के प्रचार प्रसार को उनका जीवन सदैव तत्पर रहा। उनके द्वारा मुरलीगंज के के. पी. कॉलेज की स्थापना सहित अनेकों शिक्षण संस्थानों के स्थापना में उनके इसका प्रमाण है।

*जिला प्रशासन सहित सामाजिक स्तर पर कमलेश्वरी बाबू को नहीं मिल रहा उचित सम्मान*

जिला प्रशासन सहित सामाजिक स्तर पर भी संविधान सभा सदस्य कमलेश्वरी बाबू को उचित सम्मान नहीं देना नाराजगी और चिंता का कारण है जो वर्तमान अपने अतीत का सम्मान नहीं करेगा उसका भविष्य भी आदर नहीं कर सकता।गणतंत्र दिवस विशेष कर संविधान निर्माताओं और व्यवस्था के संचालकों के योगदान को याद करने का दिन है ।ऐसे अनमोल रत्न को याद करने का मूल उद्देश्य वर्तमान पीढ़ी को अपने अतीत के गौरव से जोड़ना व भविष्य के लिए प्रेरित करना है। इसी महीने कमलेश्वरी बाबू की। जयंती पर उपेक्षा को लेकर हुई फजीहत दुखद रही।जिला प्रशासन को गणतंत्र दिवस के अवसर पर कमलेश्वरी बाबू को विशेष रूप से याद करने की जरूरत है। ….गणतंत्र दिवस के बहाने कमलेश्वरी बाबू को नमन।

-हर्ष वर्धन सिंह राठौड़, शोधार्थी, इतिहास विभाग, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा, बिहार

Bnmu Samvad
Author: Bnmu Samvad

Dr. Sudhanshu Shekhar, Bhupendra Narayan Mandal University, Laloonagar, Madhepura-852113 (Bihar), India

READ MORE