बिहार के माननीय राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय, पूसा, बिहार में “बदलते जलवायु परिदृश्य में प्राकृतिक खेती और इसके महत्व” विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि भारतीय परंपरा में खेती को उत्तम कार्य माना गया है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाकर रासायनिक खाद के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है तथा यह आर्थिक रूप से भी लाभकारी है। पंचभूतों का उपयोग करके खेती को नई दिशा दी जा सकती है।
राज्यपाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन सहित अनेक समस्याओं का समाधान हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं में निहित है। भारत के पास विकसित राष्ट्र एवं विश्व गुरु बनने की पूरी क्षमता है।
Author: Bnmu Samvad
Dr. Sudhanshu Shekhar, Bhupendra Narayan Mandal University, Laloonagar, Madhepura-852113 (Bihar), India