BNMU वित्तीय परामर्शी सुरेशचन्द्र दास का सम्मान समारोह

वित्त परामर्शी का विदाई समारोह

मैंने राजभवन के दिशा-निर्देशों के आलोक में अपने विश्वविद्यालय के वित्तीय प्रबंधन को बेहतर करने का हरसंभव प्रयास किया। इसमें मुझे कितनी सफलता मिली, इसका मूल्यांकन मैं आप सबों पर छोड़ता हूँ। लेकिन इतना अवश्य है कि मुझमें जितनी भी क्षमता थी, उस हिसाब से मैंने इमानदारी से प्रयास किया है। इस क्रम में मुझसे कुछ गलतियाँ हुई होंगी और कुछ कमियाँ रही होंगी, मैं इस सभी गलतियों एवं कमियों के लिए खेद प्रकट करता हूँ। आशा है कि आप सभी उसे भूल जाएँगे। यह बात निवर्तमान वित्त परामर्शी सुरेशचन्द्र दास ने कही। वे कुलपति कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित अपने सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इनका तीन वर्षों का कार्यकाल 26 अप्रैल को पूरा हो गया है।

उन्होंने कहा कि उनको बीएनएमयू में
काम करके बहुत अच्छा लगा और वे यहाँ से कई सुखद यादें संजोकर ले जा रहे हैं। वे अपने घर उड़ीसा में भी बीएनएमयू संवाद के माध्यम से विश्वविद्यालय की सभी सूचनाएँ लेते रहेंगी। साथ ही विश्वविद्यालय के साथ उनका जुड़ाव हमेशा रहेगा।

उन्होंने महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति महोदय के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उन्हें मनीषी भूपेन्द्र नारायण मंडल के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय की सेवा का अवसर दिया। साथ ही ईश्वर से प्रार्थना की कि यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करे। यहाँ पठन-पाठन एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित सभी क्षेत्रों में बेहतरी आए और इसे नैक की मान्यता मिले।

उन्होंने कहा कि अभी विश्वविद्यालय में एक अच्छी टीम कार्य कर रही है। कुलपति प्रोफेसर डॉ. राम किशोर प्रसाद रमण और प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह के बीच भी काफी बेहतर तालमेल है। एक अर्थशास्त्री एवं एक दर्शनशास्त्री का यह काॅर्डिनेशन काफी प्रेरणादायी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले दिनों में वित्त विभाग को और भी गतिशील बनाया जाएगा और सभी अधूरे कार्य पूरे होंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर डॉ. राम किशोर प्रसाद रमण ने कहा कि निवर्तमान वित्त परामर्शी ने विश्वविद्यालय के विकास में महती भूमिका निभाई है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

कुलपति ने कहा कि वे निवर्तमान वित्त परामर्शी को विदा नहीं कर रहे हैं, बल्कि केवल घर जाने की अनुमति दे रहे हैं। आप यहाँ के खट्टे अनुभवों को भूल जाएँ और सुखद अनुभवों को साथ लेकर जाएँ। आगे भी आप विश्वविद्यालय से जुड़े रहें और आवश्यकतानुसार अपना सलाह एवं सहयोग दें।

प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह ने कहा कि वित्त परामर्शी का पद काफी महत्वपूर्ण है। इसे निवर्तमान वित्त परामर्शी ने काफी जिम्मेदारी के साथ निभाया। आज वे अपना एक सफल कार्यकाल पूरा करके घर जा रहे हैं। वे बधाई के पात्र हैं।

कुलानुशासक डाॅ. विश्वनाथ विवेका ने एक कविता सुनाई। कुलसचिव कपिलदेव प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने निवर्तमान वित्त परामर्शी के स्वस्थ, प्रसन्न एवं मंगलमय जीवन की कामना की। साथ ही सबों ने आशा व्यक्त की कि आने वाले वित्तीय परामर्शी नरेन्द्र प्रसाद सिन्हा वित्तीय प्रबंधन एवं अनुशासन को और भी बेहतर बनाएँगे।

इस अवसर पर सीसीडीसी डाॅ. इम्तियाज अंजूम, वित्त पदाधिकारी रामबाबू महतो, जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर, बीएओ डाॅ. एम. एस. पाठक, उप कुलसचिव (वित्त) डाॅ. एस. के. पोद्दार, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव, शशिभूषण, विश्वनाथ साह, घनश्याम राय, नरेन्द्र कुमार आदि उपस्थित थे।