BNMU। एक कलाकार पूरे जीवन में कुछ न कुछ सीखता ही रहता है : प्रो. रहमान

एक कलाकार पूरे जीवन में कुछ न कुछ सीखता ही रहता है : प्रो. रहमान

सांस्कृतिक संस्था प्रांगण रंगमंच के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय नाट्य कार्यशाला के पांचवें दिन भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के अकादमिक निदेशक प्रो. एम. आई. रहमान ने कलाकारों के मनोविज्ञान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक कलाकार पूरे जीवन में कुछ न कुछ सीखता रहता है। उसके अंदर हमेशा सीखने की प्रवृति विद्यमान रहती है। वह हर स्थिति-परिस्थिति में सीखने के साथ अपने ज्ञान को भी दूसरों के समक्ष बांटते रहता है।

उन्होंने कहा कि एक कलाकार को कभी भी अपना धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए। बेहतर संवाद, शब्दों का सही उच्चारण, भाव-भंगिमा अभिनय में महत्वपूर्ण है। थियेटर में सबसे बड़ी चीज अनुशासन है। यही चीज कलाकार को बेहतर बनाती है।

उन्होंने मिसाइल मैन डाॅ. कलाम को उद्धृत करते हुए कहा कि सपना वह है, जो सोने नहीं देती है। अतः कलाकारों को भी निरंतर अभ्यास करते रहना चाहिए।

इस अवसर पर संस्था की ओर से प्रो. रहमान को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर प्रशिक्षक फिल्म मेकर प्रियांशु ठाकुर, प्रांगण रंगमंच के अध्यक्ष डाॅ. संजय कुमार परमार, कोषाध्यक्ष मुरारी कुमार सिंह, सचिव अमित आनंद, संयुक्त सचिव आशीष कुमार सत्यार्थी, शिवानी अग्रवाल, मीडिया प्रभारी गरिमा उर्विशा, कार्यकारी सदस्य अक्षय कुमार सोनू, कार्यक्रम प्रभारी दिलखुश कुमार, सुनीत साना, शशिभूषण कुमार, शिवांगी गुप्ता, नीरज कुमार निर्जल,अब्यम ओनु, अन्नू प्रिया, अंशु कुमारी, ब्रजेश, गौतम गंभीर, मनोहर कुमार, मुस्कान अग्रवाल, डेविड कुमार, सोनम कुमारी, लिशा रानी, अंश राज, दिव्या कुमारी सहित अन्य लोग मौजूद थे।