BNMU। Gandhi। 151 वी जयंती पर याद किए गए गांधी। महात्मा गांधी की समसामयिक प्रासंगिकता विषयक परिचर्चा का आयोजन

महात्मा गांधी ने सत्य एवं अहिंसा का जो मार्ग दिखाया है, उस पर चलकर ही दुनिया का कल्याण हो सकता है। गांधी प्रेरणा के स्रोत हैं। उनके विचार भूतकाल में प्रासंगिक थे, वर्तमान में प्रासंगिक हैं और भविष्य में भी प्रासंगिक रहेंगे। यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति डॉ. आर. के. पी. रमण ने कही। वे शुक्रवार को महात्मा गांधी की151 जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित पुष्पांजलि एवं प्रार्थना सभा तथा महात्मा गांधी की समसामयिक प्रासंगिकता (कोरोना महामारी के विशेष संदर्भ में) विषयक परिचर्चा की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में किया गया। उन्होंने कहा कि गांधी का संपूर्ण जीवन एक आदर्श है। उनके जीवन के हरएक पहलुओं पर शोध हो सकता है।उन्होंने कहा कि गांधी प्रकृति के साथ जीवन जीते थे। वे सादा जीवन, उच्च विचार के जीते जागते उदाहरण थे। आज कोराना काल में हमें गांधी की जीवनशैली को अपनाने की जरूरत है। हमें अपनी आवश्यकताओं को कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मानव एवं मानवेतर प्राणी सभी प्रकृति के बच्चे हैं। प्रकृति के साथ रहेंगे, तो सभी अपदाओं से दूर रहेंगे। हम प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं करें। जब हम प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करेंगे, तो हमारा विनाश हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि गांधी ने बिना किसी हथियार के विश्व को अपने सामने नतमस्तक कराया। आज दुनिया उसके पीछे चल रही है। उनके अंदर आत्मबल, आत्मचरित्र, आत्मनिरीक्षण की शक्ति थी। हम केवल गांधी-विचार का स्मरण नहीं करें, बल्कि उसे अपने जीवन में भी उतारें। यदि हम गांधी-दर्शन का अनुपालन करेंगे, तो हमारा जीवन सफल एवं सार्थक हो जाएगा।

वित्तीय परामर्शी सुरेशचंद्र दास ने कहा कि गांधी के द्वारा बताया गया सतृय एवं अहिंसा का विचार ना सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करता है। आज संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भी महात्मा गांधी की जयंती को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हम सभी जानते हैं कि हिंसा के रास्ते से चल कर हम विश्व को नहीं जीत सकते हैं। हिंसा के माध्यम से कोई स्थाई परिवर्तन नहीं आ सकता है। परिवर्तन गांधी द्वारा बताए गए सत्य, अहिंसा एवं सत्याग्रह से ही होगा।

उन्होंने कहा कि गांधी ने देश के नाम जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ी। ब्रिटिश साम्राज्य की नींव को उखाड़ फेंकी।

उन्होंने कहा कि हम सभी गांधी का सम्मान करते हैं। लेकिन हमें सम्मान के साथ-साथ उनके सपनों को पूरा करने के लिए भी प्रयास करना चाहिए। उनके सपने तभी पूरे होंगे, जब हम उनके आदर्शों को अपनाकर सही रास्ते पर चलेंगे।

डीएसडब्ल्यू डॉ. अशोक कुमार यादव ने गांधी के जीवन एवं दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गांधी के जीवन पर आज गंभीर विचार-विमर्श करने और हमें उसे जीवन में उतारने की जरुरत है। वे हमें सहजता, स्वच्छता एवं सरलता अपनाने की प्रेरणा देते हैं।

कुलसचिव कपिलदेव प्रसाद ने कहा कि महात्मा गांधी ने हमें निरंतर कर्तव्य पथ पर चलने का संदेश दिया है। हम सभी अपने अपने हम सभी अपनी अपनी जिम्मेदारियों का सम्यक् निर्वहन करें, यही गांव जी के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि गांधी-दर्शन में प्राय सभी समसामयिक समस्याओं का समाधान है।‌ मानवता को बचाने के लिए हमें गांधी को जीवन में अपनाना होगा। हमें छोटे-छोटे गांधी पैदा करना होगा।

शिक्षक संघ के महासचिव डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि वर्तमान भारत गांव की के विचारों से दूर जा रहा है। हमारी आर्थिक एवं शैक्षणिक नीतियां गांधी विचार के प्रतिकूल हैं।

जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि कोरोना सहित प्राय सभी समस्याओं का समाधान गांधी दर्शन में ढूंढा जा सकता है। अतः आज पूरे समाज और विशेषकर नई पीढ़ी को गांधी के विचारों के अनुरूप शिक्षित एवं दीक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा वर्ष 2017 में ही विश्वविद्यालय स्तर पर गांधी विचार की पढ़ाई शुरू करने हेतु आवेदन और बाद में दर्शनशास्त्र विभाग से इस हेतु प्रस्ताव दिया है। लंबी जद्दोजहद के बाद इस प्रस्ताव को विद्वत परिषद्, अभिषद् एवं अधीषद् की मंजूरी मिल चुकी है। उन्हें विश्वास है कि आगे इस विद्यालय में गांधी विचार की पढ़ाई शुरू हो सकेगी।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए समन्वयक डॉ. अभय कुमार ने बताया कि उक्त कार्यक्रम का लाइव प्रसारण पूर्वाह्न 11:30 बजे से यूट्यूब चैनल बीएनएमयू संवाद पर किया जाएगा। इस बाबत सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य को पत्र भेजा गया है। इसमें सभी एनएसएस इकाइयों के कम-से-कम 50 स्वयंसेवकों की भागीदारी सुनिश्चित कराने हेतु सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों को निदेश देने का अनुरोध किया गया था।

इसके पूर्व कुलपति सहित सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की। प्रांगण रंगमंच की तनुजा सोनी ने वैष्णव जन तो तेने कहिए भजन प्रस्तुत किया। जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने कुलपति को अपनी पुस्तक गांधी विमर्श भेंट की। विभिन्न वक्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी याद किया।

इस अवसर पर वित्तीय परामर्शी सुरेश चंद्र दास, डीएसडब्ल्यू डॉ. अशोक कुमार यादव, महासचिव शिक्षक संघ डॉ. अशोक कुमार, प्रोफेसर इंचार्ज शिक्षाशास्त्र डॉ. नरेश कुमार, विकास पदाधिकारी डाॅ. ललन प्रसाद अद्री, महाविद्यालय निरीक्षक डाॅ. उदयकृष्ण, नोडल आफिसर डॉ. अशोक कुमार सिंह, वित्त पदाधिकारी सूरजदेव प्रसाद, बीएओ डॉ. एम. एस. पाठक, पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव, डॉ. सीएम साइंस कॉलेज मधेपुरा के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार, वीमेंस कॉलेज, मधेपुरा की रूपा कुमारी, डॉ. विनय कुमार चौधरी, डॉ. सिद्धेश्वर काश्यप, डॉ. ललन प्रकाश सहनी, शोधार्थी सारंग तनय, सौरभ कुमार चौहान, गौरव कुमार सिंह, शांतनु यदुवंशी आदि उपस्थित थे।