दिनांक 06 दिसंबर को विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में विश्वविद्यालय इतिहास विभाग द्वारा महापरिनिर्वाण दिवस का आयोजन किया गया l इस अवसर पर विभाग के सभी प्राध्यापक ने मिलकर संविधान निर्माता डॉक्टर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की l
इस अवसर पर विभाग अध्यक्ष विमल कुमार सिंह ने कहा कि बाबासाहेब ने जीवनभर समानता, शिक्षा, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल्यों को स्थापित करने के लिए संघर्ष किया।
वहीं पूर्व विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर चंद्र प्रकाश सिंह ने अंबेडकर के जीवन दर्शन उनका राष्ट्रीय आंदोलन में योगदान तथा गांधी और अंबेडकर के बीच कुछ मुद्दों को लेकर मतभिनता तथा अंतिम समय में अंबेडकर द्वारा बौद्ध धर्म को अपनाने संबंधित बातों की विस्तृत रूप से चर्चा की तथा उन्होंने कहा की उनका विचार–“शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” आज भी समाज को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

इस अवसर पर इतिहास विभाग के सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अमरेंद्र कुमार ने कहा कि आज हम भारत के महान संविधान निर्माता, सामाजिक न्याय के प्रतीक और मानवाधिकारों के अविरल प्रहरी डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। तथा इस दिवस पर, बाबा साहब को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम संविधान की मूल आत्मा को जीवन का मानक बनाकर, समतामूलक समरस समाज का संकल्प लें।

इस अवसर पर श्री अनिल कुमार ने कहा कि इस दिवस पर हम संकल्प लें कि भेदभाव, असमानता और सामाजिक अन्याय के विरुद्ध उनकी राह पर चलते हुए एक समतामूलक और संवेदनशील समाज का निर्माण करेंगे।

इस अवसर पर पूर्व विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर चंद्र प्रकाश सिंह,श्री अनिल कुमार, डॉ, प्रफुल्ल कुमार, डॉ.खुशबू कुमारी डॉ.शक्ति प्रसाद तिवारी, एवं शोधार्थी सुभाष कुमार,गुरुदयाल कुमार,प्रकाश कुमार, मनोज कुमार तांती,प्रशांत कुमार,सुशील कुमार, प्रशांत प्रियदर्शी अभिमन्यु अभिनव, मुकेश कुमार, जितेंद्र कुमार आदि उपस्थित थे l















