*एकता पदयात्रा का आयोजन*
भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती वर्ष में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय अंतर्गत संचालित माय भारत के तत्वावधान में मंगलवार की सुबह एकता पदयात्रा (यूनिटी मार्च) का आयोजन किया गया। यह पदयात्रा ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा से शुरू होकर दार्जिलिंग पब्लिक स्कूल होते हुए बीएनएमयू शैक्षणिक परिसर तक गई। इसमें राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) का सक्रिय सहयोग रहा।

*भारतीय राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार थे सरदार पटेल*
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलसचिव प्रो. अशोक कुमार ठाकुर ने बताया कि सरदार वल्लभभाई पटेल एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं किसान नेता थे। उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद नामक गाँव में हुआ। वे बचपन से ही साहसी, आत्मनिर्भर और न्यायप्रिय थे। उन्होंने लंदन से विधि की पढ़ाई पूरी की और भारत लौटकर सफल वकील बने।

उन्होंने बताया कि सरदार पटेल देशसेवा की भावना से ओतप्रोत होकर वकालत छोड़कर राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। उन्होंने खेड़ा सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, बारडोली आंदोलन एवं भारत छोड़ो आंदोलन में महती भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि आज भारत का जो स्वरूप है, वह पटेल की देन है। देश को एकसूत्र में पिरोने में उन्होंने जो अद्वितीय भूमिका निभाई है, वह अविस्मरणीय है।

*प्रेरणा देते हैं पटेल*
विशिष्ट अतिथि बिहार राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य स्वदेश यादव ने कहा कि सन् 1947 में जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तब देश में लगभग 562 देशी रियासतें अस्तित्व में थीं। इन रियासतों को एकजुट कर एक राष्ट्र का स्वरूप देना अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य था। तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल ने अपनी अद्भुत कूटनीति, दृढ़ इच्छाशक्ति और राजनीतिक सूझबूझ के बल पर लगभग सभी रियासतों को भारतीय संघ में विलय कराया।

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा से यह सिद्ध किया कि सच्चा नेतृत्वकर्ता वही है, जो राष्ट्र की एकता को सर्वोपरि रखे। आज के संदर्भ में, जब समाज विभिन्न विभाजनों से जूझ रहा है, ऐसे समय में पटेल हमें प्रेरणा देते हैं। हमें उनकी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाना होगा।

*लोगों के दिलों को जोड़ेगी पदयात्रा*
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए माय भारत की उपनिदेशक हुस्न जहां ने कहा कि लौहपुरुष सरदार पटेल ने बिखरे हुए भारत को एक सूत्र में पिरोकर अखंड भारत का स्वरूप दिया। उनका अडिग विश्वास था कि भारत एक है, भारत अखंड है और भारत सदा-सर्वदा अखंड रहेगा। इसी सूत्र को केंद्र में रखकर हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को आगे बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कहा कि एकता पदयात्रा का उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रीय गौरव जगाना, समाज के प्रति जिम्मेदारी बढ़ाना और आपसी एकता की भावना को मजबूत करना है। इससे हम सबों के अंदर एक भारत, श्रेष्ठ भारत और आत्मनिर्भर भारत की भावना का संचार होगा। सरदार पटेल ने रियासतों की जोड़कर एक भारत का निर्माण किया था, वैसे ही ये पदयात्रा हमारे क्षेत्र के लोगों के दिलों को जोड़ने का काम करेंगी।
*एक भारत के लिए समर्पित होने की जरूरत*
अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि सरदार पटेल के योगदान को याद करने के निमित्त भारत सरकार द्वारा पूरे देश में एकता पदयात्रा का आयोजन किया गया है। इससे भारत के नागरिकों में एकता एवं अखंडता की भावना को सुदृढ़ होगी और हम सबों को ‘एक भारत -श्रेष्ठ भारत’ के लिए समर्पित होने की प्रेरणा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि पटेल ने अखंड भारत का स्वप्न देखा था। हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम उनके सपने को साकार करने के लिए एकजुट होकर कार्य करें। वर्ष 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित भारत का निर्माण ही पटेल के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
*देश के लिए जीना-मरना होगा*
कार्यक्रम की का संचालन करते हुए कार्यक्रम समन्वयक (एनएसएस) डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि भारत को विकसित बनाने के लिए हमें जाति, धर्म आदि की संकीर्णताओं से ऊपर उठकर एकता के सूत्र में बंधना होगा। हमें प्रथमत; और अंततः भारतीय बनना होगा। अपने निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर देश के लिए जीना-मरना होगा।
*पटेल के चित्र पर पुष्पांजलि*
कार्यक्रम के प्रारंभ में लौहपुरुष सरदार पटेल एवं महाविद्यालय के संस्थापक महामना कीर्ति नारायण मंडल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। अतिथियों को अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। एनसीसी एवं स्काउट के बैंड ने देशभक्ति धून बजाया।
*सबों ने ली एकता शपथ*
अंत में सबों ने राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् का सामूहिक गायन किया और राष्ट्रीय एकता की शपथ ली। शपथ में कहा गया कि “मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूँ कि मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्न करूंगा। मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूँ जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करता हूँ।”
इस अवसर पर मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार, पूर्व विकास पदाधिकारी प्रो. ललन प्रसाद अद्री, परीक्षा नियंत्रक डॉ. शंकर कुमार मिश्र, परिसंपदा पदाधिकारी शंभू नारायण यादव, डीआईओ चंदन कुमार, मो. इरशाद, जिला पब्लिक स्कूल एवं चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष किशोर कुमार, सीनेटर डॉ. रंजन यादव, नेशनल एकेडमी के निदेशक जयराज, कोच शंभू कुमार, खिलाड़ी अमरेश कुमार, डॉ. अशोक कुमार अकेला, शोधार्थी सौरभ यादव एवं सौरभ कुमार चौहान, नीतीश कुमार, मो. सलमान, सहित पांच सौ से अधिक लोग उपस्थित रहे। इनमें एनएसएस स्वयंसेवक, एनसीसी कैडेट्स, स्काउट एवं गाइड के बच्चे प्रमुख थे।












