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जनजातीय गौरव वर्ष में होंगे कई कार्यक्रम।

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*जनजातीय गौरव अभियान अन्तर्गत होगा कई कार्यक्रम*

बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में जनजातीय गौरव वर्ष (15 नवम्बर, 2024 से 15 नवम्बर, 2025) में ‘आदि कर्मयोगी’ अभियान के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के निदेशानुसार राज्यपाल सचिवालय, बिहार के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थू ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र प्रेषित किया है। इस पत्र पर त्वरित कार्रवाई करते हुए बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने विश्वविद्यालय स्तर पर इस पत्र का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने का निदेश दिया है।

कुलपति के निदेशानुसार राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सुधांशु शेखर ने सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों को पत्र प्रेषित कर जनजातीय गौरव वर्ष के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन का अनुरोध किया है। इस कड़ी में महान स्वतंत्रता सेनानी एवं आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा एवं अन्य आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन- दर्शन से प्रेरणा लेते हुए सवांद, परिचर्चा, व्याख्यान, कार्यशाला, सेमिनार, जागरुकता कार्यक्रम, रैली आदि का आयोजन किया जा सकता है।

डॉ. शेखर ने बताया कि भारत के समृद्ध इतिहास में भगवान बिरसा मुंडा का नाम एक ऐसे वीर योद्धा एवं समाज-सुधारक के रूप में अंकित है। उन्होंने अपने जीवन को जनजातीय समाज की उन्नति तथा उनके अधिकारों के लिए समर्पित कर दिया। देश में हर साल 15 नवम्बर को उनकी जयंती पर भारत में राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि जनजातीय गौरव वर्ष बिरसा मुंडा एवं अन्य आदिवासी नेताओं की शहादत और स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को याद करने का अवसर है। इसके साथ ही यह जनजातीय समुदाय की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत, अनवरत संघर्ष एवं स्वाभिमान का उत्सव भी है।

उन्होंने बताया कि जनजातीय गौरव वर्ष मनाने का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदायों की समृद्ध विरासत और उनके अमूल्य योगदान को सम्मानित करना है। यह जनजातीय समुदायों के योगदान से युवा पीढ़ी को परिचित कराने और उन्हें हमारी सांस्कृतिक विरासत एवं राष्ट्रीय गौरव की रक्षा के लिए प्रेरित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

उन्होंने अनुरोध किया है कि कार्यक्रम से संबंधित प्रतिवेदन, जियो टैग फोटो तथा पेपर कटिंग माय भारत पोर्टल पर अपलोड कराया जाए और उसे एनएसएस कार्यालय के ई मेल पर भी उपलब्ध कराने का कष्ट किया जाए।

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