*अभादप के सहसचिव बने डॉ. सुधांशु शेखर*
ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर को अखिल भारतीय दर्शन परिषद (अभादप) का सहसचिव बनाया गया है। इस महत्वपूर्ण पद पर पहुंचने वाले वे भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के पहले शिक्षक हैं।
*विद्यार्थी जीवन से ही है परिषद से जुड़ाव*
डॉ. शेखर ने बताया कि वे विद्यार्थी जीवन से ही दर्शनशास्त्र के विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए हैं। वे वर्ष 2007 से परिषद के आजीवन सदस्य हैं और वर्ष 2008 से आज तक लगातार परिषद के सभी अधिवेशनों में शामिल हुए हैं। इस बीच वे कई वर्षों तक परिषद की शोध- पत्रिका ‘दार्शनिक त्रैमासिक’ के संपादक मंडल के सदस्य भी रहे हैं।
*दर्शन परिषद, बिहार के हैं संयुक्त सचिव*
उन्होंने बताया कि वे दर्शनशास्त्र के अन्य संगठनों से भी जुड़े हुए हैं और दर्शन परिषद, बिहार के संयुक्त सचिव एवं मीडिया प्रभारी की भूमिका भी निभा रहे हैं। इन्होंने विश्वविद्यालय में दर्शन विषय में कई महत्वपूर्ण आयोजन किया है। इसमें राष्ट्रीय अधिवेशन, राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी शामिल हैं।
*विभिन्न पदों पर रहे हैं*
उन्होंने बताया कि उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी), पटना के माध्यम से जून 2017 में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में योगदान दिया है। यहां वे विभिन्न पदों पर रहे हैं। इसके अलावा वे विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी (पीआरओ), उपकुलसचिव (अकादमिक) एवं उपकुलसचिव (स्थापना) तथा विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष भी रहे हैं।
*प्रकाशित हैं चार पुस्तकें*
उन्होंने बताया कि उनकी चार पुस्तकें प्रकाशित हैं। इनमें सामाजिक न्याय : आंबेडकर विचार और आधुनिक संदर्भ (2014), गाँधी-विमर्श (2015), भूमंडलीकरण और मानवाधिकार (2017) एवं गाँधी-अंबेडकर और मानवाधिकार (2024) शामिल हैं। इसके अलावा इन्होंने आठ पुस्तकों का संपादन भी किया है।