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सुल्तानगंज में बिहार इतिहास परिषद् के 12 वें अधिवेशन का आयोजन

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सुल्तानगंज में बिहार इतिहास परिषद् के 12 वें अधिवेशन का आयोजन

आज 08 मार्च, 25 को भागलपुर जिला अंतर्गत पवित्र उत्तर वाहिनी गंगा तट पर अवस्थित #अजगैबीनाथ #धाम #सुलतानगंज स्थित #मुरारका #कॉलेज परिसर में बिहार इतिहास परिषद् के दो-दिवसीय बारहवें अधिवेशन का पारंपरिक भव्यता के साथ शुभारंभ हुआ जिसमें पूरे देश एवं बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से आये इतिहास विदों और शोधार्थियों ने भाग लिया।

अधिवेशन के उद्घाटन सत्र की #अध्यक्षता बिहार इतिहास परिषद् के अध्यक्ष #प्रो. #ओ.#पी. #जायसवाल ने की जबकि आगत अतिथियों का स्वागत परिषद् के सचिव #प्रो. #दयानन्द #राय ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुरारका कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र रहे आईपीएस अधिकारी श्री सदानंद थे।धन्यवाद ज्ञापन परिषद् के कोषाध्यक्ष व #मुरारका #कॉलेज के #प्राचार्य #प्रो. #अमर #कान्त #सिंह के द्वारा किया गया।

सम्मेलन में केरल से आये प्रो. केशवन वेलुथट, रविन्द्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता से आये प्रो. हितेंद्र पटेल, दिल्ली से आये प्रो. नागेन्द्र शर्मा, अलीगढ़ से आये प्रो.सैयद जाविद रजा, जेएनयू के दीपक कुमार सहित प्रो. एस एन आर्या, प्रो. पंकज कुमार झा, प्रो. अमर कुमार ठाकुर, प्रो. सुनीता कुमारी, प्रो. रेणु कुमारी सरीखे विद्वानों की गरिमामय उपस्थिति रही। एस एम कॉलेज, भागलपुर के पूर्व प्राचार्य एवं इतिहासकार डॉ (प्रो.) रमन सिन्हा के साथ मैंने भी आमंत्रित सदस्य के रूप में भाग लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ बिहार इतिहास परिषद् के अध्यक्ष प्रो. ओपी जायसवाल के अध्यक्षीय भाषण से हुआ जिसमें उन्होंने “Early Bihar (Magadha): The Land of Dissent and Distrust” विषय पर व्याख्यान दिये तथा व्रात्य काल से लेकर आर्यों के आगमन तथा बौद्ध व जैन के समय में बिहार में विरोध और प्रतिकार की प्रवृत्ति पर प्रकाश डालते हुए यहां हुए क्रमिक विकास की विवेचना की।

 

केरल से आये केशवन वेलुथल ने आर एस शर्मा मेमोरियल लेक्चर के अंतर्गत “Urban Decay in Kalidasa” विषय पर रोचक व्याख्यान दिये, वहीं दिल्ली से आये प्रो नागेन्द्र शर्मा ने BK Thakur Memorial Lecture के अंतर्गत विभिन्न कालक्रम में भारत में हुए शहरीकरण (Urbanization) के विकास पर प्रकाश डाला।

 

इस अवसर पर प्रो दयानन्द राय के प्रधान संपादन व प्रो अमरकान्त सिंह तथा डॉ रविशंकर कुमार चौधरी के सह-संपादन में प्रकाशित स्मारिका का लोकार्पण आगत अतिथियों के द्वारा किया गया।

 

इस अवसर पर रविन्द्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता के प्रो हितेंद्र पटेल के साथ मेरी आत्मीय मुलाकात मेरे लिये विशिष्ट रही।

 

कार्यक्रम में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी इतिहास विभाग की अध्यक्ष डॉ अर्चना साह सहित प्रो जयंत सिन्हा, प्रो राजेश कुमार, प्रो जवाहर लाल वर्मा, डॉ अंशुमन सुमन, डॉ अशोक आलोक, डॉ रजी अहमद, प्रो नरेश यादव, रिसर्च स्कॉलर गुड्डू कुमार सिंह सहित तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय व मुंगेर विश्वविद्यालय के कई व्याख्याता उपस्थित थे।

पूर्व डीपीआरओ, भागलपुर श्री शिवशंकर सिंह पारिजात जी के फेसबुक वॉल से साभार।

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