पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का 84 वर्ष की उम्र में निधन

भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मनित प्रणब मुखर्जी का 84 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के बाद आज 31 अगस्त 2020 (सोमवार) को आर्मी रिसर्च ऐंड रेफरल हॉस्पिटल, नई दिल्ली में निधन हो गया। प्रणब मुखर्जी के बेटे ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन की जानकारी ट्वीट करके दी। पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया था।अस्पताल ने एक बयान में कहा था कि उनके फेफड़े में संक्रमण की वजह से उन्हें सेप्टिक आघात आया था और उनका इलाज विशेषज्ञों की एक टीम कर रही थी। वह गहरे कोमा में और वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। प्रणव मुखर्जी मनमोहन सरकार में 2004 से 2006 तक रक्षा मंत्री, 2006 से 2009 तक वह विदेश मंत्री और 2009 से 2012 तक वित्त मंत्री रहे, 2012 से जुलाई 2017 के बीच देश के 13वें राष्ट्रपति रहे। 1 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के मिराती गांव में जन्मे प्रणब मुखर्जी ने 1969 में कांग्रेस के जरिए सियासत की दुनिया में कदम रखे थे। उसी वर्ष राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भरोसेमंद सहयोगियों में गिना जाता था। उसके अलावा वे 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्य सभा के लिए चुने गए। वे 2004 और 2009 में पश्चिम बंगाल की जंगीपुर सीट से 2 बार लोकसभा के लिए भी चुने गए थे। सियासी पारी शुरू करने के 14 साल बाद 1973 में वह पहली बार केंद्र सरकार में मंत्री बने थे। तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार में उन्हें इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट मंत्रालय में डेप्युटी मिनिस्टर बनाया गया था।

मारूति नंदन मिश्र
नयागांव (खगड़िया)