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Bihar शिक्षा विभाग, बिहार, पटना के नियंत्रणाधीन प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या-26/2023 के द्वारा प्रथम चरण (TRE-1) में अनुशंसित एवं नियुक्त विद्यालय अध्यापकों के संबंध में।

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संचिका संख्या-11/वि 11-18/202317 पटना, दिनांक 2.1.2014

बिहार सरकार शिक्षा विभाग, बिहार, पटना।

प्रेषक,                                                   कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव, निदेशक (माध्यमिक शिक्षा)।

सेवा में,                                                    सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी,

विषय : शिक्षा विभाग, बिहार, पटना के नियंत्रणाधीन प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या-26/2023 के द्वारा प्रथम चरण (TRE-1) में अनुशंसित एवं नियुक्त विद्यालय अध्यापकों के संबंध में।

महाशय,                                                उपर्युक्त विषयक शिक्षा विभाग, बिहार, पटना के नियंत्रणाधीन प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बिहार लोक सेवा आयोग के विज्ञापन संख्या-26/2023 के द्वारा प्रथम चरण (TRE-1) में अनुशंसित एवं नियुक्त विद्यालय अध्यापकों द्वारा नियुक्ति पत्र नहीं लेने, नियुक्ति पत्र लेकर विद्यालय में योगदान नहीं करने अथवा योगदान देने के पश्चात् भाग जाने इत्यादि मामलों को सूचीबद्ध करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी ऐसे मामलों में निदेशानुसार नीचे दिए हुए तालिका के अनुसार कार्य करेंगे :-

 

क्र.

1. श्रेणी : वैसे विद्यालय अध्यापक, जिन्होंने औपबंधिक नियुक्ति पत्र लिया, किन्तु विद्यालय पदस्थापन पत्र नहीं लिया।

वाँछित कार्य : समाचार पत्र में सूचना एवं व्यक्तिगत पत्र देते हुए निदेश दिया जाए कि 7 दिनों के अन्दर योगदान नहीं देने पर यह माना जाएगा कि वे नियुक्ति के उपरान्त कार्य करने के लिए इच्छुक नहीं है और तद्नुसार उनके संदर्भ में आयोग द्वारा की गयी अनुशंसा तथा इनका औपबंधिक नियुक्ति पत्र को रद्द कर दिया जाएगा। सूचना में निर्धारित समय अवधि पूरा होने के उपरान्त भी जो योगदान नहीं देते है, उनका अनुशंसा और नियुक्ति पत्र को समाप्त करने की कार्रवाई की जाए।

2. वैसे विद्यालय अध्यापकों जिन्होंने नियुक्ति पत्र लिया और विद्यालय पदस्थापन पत्र भी लिया, किन्तु विद्यालय में योगदान नहीं किया।

3. वैसे विद्यालय अध्यापक, जिन्होंने नियुक्ति पत्र लिया और विद्यालय में योगदान भी किया किन्तु उनके योगदान की स्वीकृति Computer System पर नहीं हुई और अब वे Absconder है।

-तथैव-

इस आशय का कारण पृच्छा भेजा जाय कि नियुक्ति के उपरान्त विद्यालय में योगदान करने के पश्चात् वे अपने कार्य स्थल से अनुपस्थित हैं। अगर वे 7 दिनों के अन्दर योगदान नहीं करते हैं तो इसे उनकी कार्य करने की अनिच्छा मानते हुए उनकी नियुक्ति समाप्त की जाय। इस हेतु विभागीय कार्यवाही चलाने की आवश्यकता नहीं है।

4. वैसे विद्यालय अध्यापक जिन्होंने नियुक्ति पत्र लिया और विद्यालय में योगदान भी किया और उनका योगदान Computer System पर स्वीकृत भी हो गया और अब वे Absconder है।

उनसे कारण पृच्छा करते हुए निलम्बित किया जाए तथा विभागीय कार्यवाही चलाते हुए 2 माह के अन्दर बर्खास्तगी की कार्रवाई पूर्ण की जाए।

2. कई मामलों में यह देखा जा रहा है कि कतिपय विद्यालय अध्यापक /अध्यापिका Maternity Leave, Paternity Leave, Child Care Leave इत्यादि पर चले गए हैं या जाना चाह रहे हैं। इस संबंध में निम्नलिखित कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाए:- (i.) किसी पुरूष सरकारी सेवक को पितृत्व अवकाश की स्वीकृति Maternity की संभावित तिथि के 15 दिन पहले से 6 महीने बाद की अवधि के बीच लगातार 15 दिनों के लिए स्वीकृत किये जाने का प्रावधान है। तद्नुसार आवेदन प्राप्त होने पर पितृत्व अवकश की स्वीकृति के मामलों को गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जाय। सामान्यतया, परीक्ष्यमान अवधि में पितृत्व अवकाश को Discourage किया जाय।

(ii.) महिला सरकारी सेवकों को मात्र 2 संतान के लिए मातृत्व अवकाश की स्वीकृति दी जा सकेगी, जो अवकाश प्रारंभ होने की तिथि से लगातार 180 दिनों तक की होगी।

(iii.) बिहार सरकार वित्त विभाग के पत्र संख्या-640, दिनांक-19.01.2015 जो बिहार सेवा (द्वितीय संशोधन) सहिता, 2014 के परिप्रेक्ष्य में शिशु देखभाल छुट्टी साधारणतया परिविक्षा अवधि के दौरान मंजूर नहीं की जाएगी।

(iv.) बिहार सरकार के विद्यालय में 6 दिवसीय कार्य व्यवस्था है, इसलिए विद्यालय अध्यापक को प्रत्येक कैलेण्डर वर्ष में 16 दिनों का आकस्मिक अवकाश अनुमान्य होगा। परन्तु नियुक्ति वर्ष में जितने महीने इन्होंने काम किया हो, उत्तने महीनों का समानुपातिक आकस्मिक अवकाश ही अनुमान्य किया जा सकेगा।

(v.) मातृत्व अवकाश, पितृत्व अवकाश, शिशु देखभाल अवकाश एवं उपार्जित अवकाश वैतनिक अवकाश हैं। परन्तु भत्तों का भुगतान सरकार द्वारा निर्गत प्रावधानों के अनुरूप किया जाएगा।

(vi.) बिहार सेवा संहिता के नियम-152 के अनुसार छुट्टी का अधिकार पूर्वक दावा नहीं किया जा सकता। यदि लोक सेवा के लिए नितान्त आवश्यक हो, तो छुट्टी स्वीकृत करने हेतु सक्षम प्राधिकार अपने विवेक से किसी प्रकार की छुट्टी को अस्वीकृत या रद्द कर सकता है।

विश्वासभाजन                                      (कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव)                      निदेशक, माध्यमिक शिक्षा।

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मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद युवा संसद से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और प्रो. कैलाश प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।

मीडिया के सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद। कीर्ति कुम्भ (स्मरण एवं संवाद) कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित। उद्घाटनकर्ता सह मुख्य अतिथि प्रो. बी. एस. झा, माननीय कुलपति, बीएनएमयू, मधेपुरा और मुख्य वक्ता प्रो. विनय कुमार चौधरी, पूर्व अध्यक्ष, मानविकी संकाय, बीएनएमयू, मधेपुरा के प्रति बहुत-बहुत आभार।