Poem। कविता/ कोरोना और छात्र / कृष्ण कन्हैया भारद्वाज

घर से सपनों को बांध चला
लेकर मन में उत्साह चला।
जीवन की राह पे चलने को
मन में लेकर उन्माद चला।
जीवन पथ पर में चलने लगा
आती बाधाओं से लड़ने लगा।
एक दिन ऐसी बाधा आई
मुझे रुकने पर मजबूर किया।
इसने हम छात्रों के जीवन का
हर सपना चकना-चूर किया।
आर्थिक तंगी की हालत ने
घर आने पर मजबूर किया
लेकर सपना जो चला था मैं
इस ‘कोरोना’ ने उसे चूर किया। संक्षिप्त परिचय :-
नाम- कृष्ण कन्हैया भारद्वाज
पिता – श्री राम कुंवर
माता – श्रीमती रेणु देवी
शिक्षा:-
बीएड में अध्ययनरत
मैट्रिक- श्री कृष्ण उच्च विद्यालय, नयागांव, परबत्ता, खगड़िया (बिहार)
स्नातकोत्तर (पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान)
स्वर्ण पदक विजेता- तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर (बिहार)
ग्राम- कवेला, भाया- नयागांव,
थाना- परबत्ता, जिला – खगड़िया
बिहार – 851215

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