BNMU। संबोधन, स्वतंत्रता दिवस, प्रधानाचार्य, ए. एल. वाई. काॅलेज, त्रिवेणीगंज, सुपौल

मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देता हूं. मुझे 74वें स्वतंत्रता दिवस पर बोलने का मौका मिला है, इसमें मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं. आज से ठीक 74 वर्ष पहले हमें आजादी मिली थी. देश की आजादी के संघर्ष की गाथा बहुत बड़ी है और इसका वर्णन कुछ मिनटों में नहीं किया जा सकता है.                हर भारतीय के लिए 15 अगस्त का दिन बेहद खास होता है. स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए जो योगदान दिया, वह कभी भूलाया नहीं जा सकता. स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयासों के कारण ही आज हम आजाद हैं. स्वतंत्रता दिवस न केवल ब्रिटिश राज से भारत की आजादी को दर्शाता है, बल्कि यह इस देश की शक्ति को भी दिखाता है.
हमारे वीर योद्धाओं ने कई लड़ाइयां लड़ीं और उसके बाद जाकर 15 अगस्त, 1947 को हमें आजादी मिली. तब से लेकर आज तक, हम हर वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं. आज हमारा देश तेजी से विकास कर रहा है. देश तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त, और कई दूसरे क्षेत्रों में विकास कर रहा है. यह बिना आजादी के संभव नहीं था. परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में एक भारत है. ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में भारत सक्रिय रुप से भागीदार है. आज भारत का गौरव विश्व में और भी ऊंचा हो गया है. भारत में उद्योग बढ़ रहा है और दुनिया भर की कंपनी यहां निवेश कर रही हैं. शिक्षा के क्षेत्र में भी देश ने नई उचाइयों को छुआ हैं. -डाॅ. जयदेव प्रसाद यादव, प्रधानाचार्य, ए. एल. वाई. काॅलेज, त्रिवेणीगंज, सुपौल, बिहार