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BNMU : विभिन्न जगहों पर झंडोत्तोलन

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बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में दीक्षांत स्थल पर  कुलपति प्रोफेसर डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी ने झंडोत्तोलन के अतिरिक्त अन्य जगहों पर भी झंडोत्तोलन किया गया। नार्थ कैम्पस में वरीय संकायाध्यक्ष डाॅ. आर. के. पी. रमण ने झंडोत्तोलन किया।

उन्होंने कहा कि आज कोरोना वायरस से संपूर्ण विश्व में त्राहिमाम मचा हुआ है परंतु इससे हमारे स्वतंत्रता का रंग फीका नहीं पड़ा है। उत्साह में कोई कमी नहीं हुई है। हां उपस्थिति में कमी अवश्य हुई है। इस संकट पर भी हम भविष्य में अपनी समझ के बदौलत विजय अवश्य प्राप्त करेंगे। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि इस संकट में लड़ने की शक्ति दें।

उन्होंने कहा कि 15 अगस्त ऐतिहासिक दिवस है। इसी दिन दुनिया के फलक पर भारत का एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में जन्म हुआ था। हमें अंग्रेजी हुकूमत के करीब 200 वर्षों के शोषण, दोहन एवं उत्पीड़न से मुक्ति मिली। हमने स्वतंत्र और उन्मुक्त वातावरण में चैन की सांस लिया।

उन्होंने कहा कि यह तिरंगा तरफ हमारे राष्ट्रीय जीवन धर्म का प्रतीक है। यह प्रेम, भाईचारा एवं एकता का प्रतीक है। आज हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं। स्वतंत्रता के लिए वीर कुंवर सिंह, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, शहीद ए आजम भगत सिंह, खुदीराम बोस, सुभाष चंद्र बोस, सरदार बल्लभ भाई पटेल, मंगल पांडे, मौलाना अबुल कलाम आजाद सुखदेव, जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सहित लाखों सपूतों ने अपनी कुर्बानियां दीं। आज हम उन तमाम स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हृदय से श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।

उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर भूपेंद्र नारायण मंडल, शिवनंदन मंडल, बीपी मंडल, कमलेश्वरी प्रसाद मंडल, ठाकुर प्रसाद मंडल, कुलानंद दास, भागवत ठाकुर, कृति नारायण मंडल आदि को आज इस राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर हम सभी श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं। शत-शत नमन करते हैं। इन्हीं पूर्वजों के प्रेरणा से स्वतंत्र भारत विश्व में अपने विकास का परचम लहरा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज हमने शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, उद्योग, विज्ञान, तकनीकी आदि के क्षेत्र में प्रगति हुई है। लेकिन गरीबी, बेरोजगारी, उत्पीड़न इत्यादि समस्याओं पर विजय पाना शेष है।

उन्होंने कहा कि हमारे स्थानीय अभिभावकों एवं तत्कालीन सरकार के सहयोग से वर्ष 1992 में इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। इसका नामकरण सामाजवादी राजनेता भूपेंद्र भूपेंद्र नारायण मंडल के नाम पर किया गया। यह विश्वविद्यालय पहले टी. पी. कॉलेज, मधेपुरा में शुरू हुआ। अभी कोसी प्रोजेक्ट में संचालित होता है, जो आज का दक्षिणी परिसर है। बाद में उत्तरी परिसर का जमीन अधिग्रहण हुआ। यहाँ सभी स्नातकोत्तर विभाग स्थानांतरित हुए।

उन्होंने कहा कि हम सभी अपने-अपने कर्तव्यों का ईमानदारी पूर्वक पालन करें, तो विश्वविद्यालय का विकास होना तय है।

चुल्हाय पार्क में बीएनमुस्टा के महासचिव डाॅ. नरेश कुमार ने झंडोत्तोलन किया।

उन्होंने कहा कि हमें कोरोना काल में भी बेहतर काम करना है। हमें इस परिस्थिति से निपटने का प्रयास करना है। हम कोरोना को मात देंगे और विश्वविद्यालय को आगे ले जाएंगे।

उन्होंने कहा कि उन्हें अपने विभागाध्यक्षों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों पर भरोसा है। नए शिक्षकों में उर्जा है। उनसे काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को निराश नहीं होने दें और उन्हें सकारात्मक उर्जा देते रहें। हमें सैद्धांतिक पढ़ाई के साथ-साथ प्रायोगिक पढ़ाई पर भी ध्यान देना है।

शिक्षक संघ कार्यालय में महासचिव डाॅ. अशोक कुमार यादव ने झंडोत्तोलन किया। उन्होंने कहा कि हमारे हजारों वीर सपूतों के त्याग तपस्या और बलिदान के बाद हमें आजादी मिली हमारे संविधान में सभी नागरिकों को समान अधिकार दिया गया है। लेकिन आज भी देश में कई समस्याएं हैं। मजदूरों, किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है।

आजादी जिस उद्देश्य प्राप्त हुई थी, हमें उस उद्देश्य को पूरा करना है। हमें उस उद्देश्य को पूरा करना है। हमें भूपेंद्र बाबू के आदर्शों के अनुरूप इस विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाना है‌‌। अपने क्षेत्र के विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है और उन्हें पुष्पित-पल्लवित होने का अवसर देना है। हम सबको मिलकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना है।

इस अवसर पर डाॅ. ललन प्रसाद अद्री, डाॅ. गजेन्द्र कुमार, डाॅ. चंद्रशेखर, डाॅ. पी. एन. पियूष आदि उपस्थित थे।

कर्मचारी संघ कार्यालय में अध्यक्ष सह सचिव अखिलेश्वर नारायण ने झंडोत्तोलन किया।

रिपोर्ट :                                                             गौरब कुमार सिंह

डेविड यादव

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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