BNMU डॉ. महावीर प्रसाद यादव वाटिका द्वार का उद्घाटन

डॉ. महावीर प्रसाद यादव वाटिका द्वार उद्घाटन

डॉ. महावीर प्रसाद यादव
वाटिका द्वार का शनिवार को
उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर उद्घाटनकर्ता कुलपति प्रो. (डॉ.) आर. के. पी. रमण ने कहा कि पूर्व कुलपति डॉ. महावीर प्रसाद यादव हमारे आदर्श हैं। वे बीएनएमयू में 3 अप्रैल, 1995 पांचवें कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने सेवा अवधि के दौरान ही 13 अगस्त, 1997 को 70 वर्ष की उम्र में कुलपति के पद पर रहते हुए अंतिम सांस ली थी।

कुलपति ने बताया कि महावीर बाबू ने की महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वे विधायक, राज्य शिक्षा मंत्री एवं सांसद रहे। उन्होंने पटना विश्वविद्यालय एवं बी आर ए बिहार विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति और ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी भी निभाई थी।

मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. (डॉ.) रेखा कुमारी ने कहा कि व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों से होती है। जो सद्कर्म करते हैं, उनकी यश एवं कीर्ति दुनिया में फैलती है। यही यश एवं कीर्ति व्यक्ति को अमर बनाती है। महावीर प्रसाद यादव भी अपनी यश एवं कीर्ति से अमर हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि महावीर वाटिका विश्वविद्यालय के लिए एक निधि की तरह है। यदि यहां एनिमल हाउस बनाने का प्रस्ताव आएगा, तो वे सहयोग करेंगी।

विशिष्ट अतिथि प्रति कुलपति
प्रो. (डॉ.) आभा सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में महावीर बाबू के योगदन को भुलाया नहीं जा सकता है।

स्वागताध्यक्ष कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर ने बताया कि जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार ने अपने पूज्य पिता की याद में लगभग पच्चीस लाख रुपए खर्च कर इस वाटिका का निर्माण कराया है। यह एक अनुकरणीय उदाहरण है।

इस अवसर पर पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया के कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय, संयोजक डॉ. नरेश कुमार, जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार, विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. राजकुमार सिंह, मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. उषा सिन्हा, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार, कुलानुशासक डॉ. बीएन विवेका, सीसीडीसी डॉ. इम्तियाज अंजुम, रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार यादव, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. एम. आई. रहमान, उप कुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव आदि उपस्थित थे।