BNMU पुरूष एवं महिला दोनों समाज रूपी रथ के दो पहिए : प्रीति गोपाल

*पुरूष एवं महिला दोनों समाज रूपी रथ के दो पहिए : प्रीति गोपाल*

पुरूष एवं महिला दोनों समाज रूपी रथ के दो पहिए हैं। समाज को गति देने के लिए इन दोनों पहियों का गतिशील होना जरूरी है।

यह बात एपीआर एग्रो इंडस्ट्रीज की निदेशिका समाजसेविका प्रीति गोपाल ने कही।

वे शुक्रवार को महिला सशक्तिकरण एवं उद्यमिता विषय पर व्याख्यान दे रही थीं। कार्यक्रम का आयोजन ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा की राष्ट्रीय सेवा योजना, इकाई प्रथम के तत्वावधान में किया गया।

उन्होंने कहा कि समाज एवं राष्ट्र की उन्नति में सभी वर्गों की सहभागिता जरूरी है। सभी वर्ग मिलकर काम करेंगे, तभी हमारा समाज एवं राष्ट्र आगे बढ़ेगा। इसके लिए पुरुष के साथ-साथ महिलाओं को भी कदम-से-कदम मिलाकर काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में स्त्री-शक्ति की शुरू से ही प्रधानता रही है। हमारी विद्या की देवी सरस्वती, धन की देवी लक्ष्मी, शक्ति की देवी दुर्गा है। हमारी मान्यता है कि जहां नारी का सम्मान होता है, वहां ईश्वर का वास होता है।

उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है कि जब समाज में महिलाओं की इज्जत होती है, तो समाज तरक्की के शिखर को प्राप्त करता है। प्राचीन भारत में महिलाओं को गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त था। इसलिए हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता था।

उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में महिलाओं को बराबरी का दर्जा तो मिला है, लेकिन लोगों की मानसिकता में बदलाव नहीं हुआ है। वर्तमान समाज में पुरुष मानसिकता हॉबी रहने से महिलाओं का उचित सम्मान नहीं मिल पा रहा है।

उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण का अर्थ महिलाओं को पुरुषों जैसा बनाना नहीं है। इसका अर्थ है महिलाओं को सभी स्तरों पर स्वावलंबी बनाना और उनमें आत्मविश्वास पैदा करना है। महिलाओं को पारंपरिक रूढ़िवादी बंधनों से मुक्तकर उनकी स्वतंत्र चिंतन शक्ति को बढ़ावा देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति एवं समाज का विकास शिक्षा पर ही निर्भर करता है। स्त्री भी सही मायने में शिक्षा के माध्यम से ही आगे बढ़ेगी। इस दिशा में भारत सरकार और बिहार सरकार द्वारा की योजनाएं चलाई जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में बहुत सारे बदलाव हुए हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि आदिवासी समाज की एक महिला द्रोपदी मुर्मू हमारे देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को सुशोभित कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के हुनर के अनुरूप उन्हें उद्यमिता से जोड़ने की जरूरत है। अपनी आर्थिक क्षमता के अनुरूप कुटीर और लघु उद्योग स्थापित कर अपनी आय को बढ़ा सकती है। इससे देश का जीडीपी भी तेजी से बढ़ेगा। इसके लिए सरकार भी महिलाओं को प्रोत्साहन देती है। हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम अधिकाधिक महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाएं।

*एड्स : जानकारी ही बचाव है*
दूसरे व्याख्यान कर्ता मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने एड्स एवं युवाओं की अन्य स्वास्थ्य समस्याएं विषय पर व्याख्यान दिया।

उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली में फंसकर युवा एड्स एवं अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं। युवाओं को इससे बाहर निकालकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत है।

सीएम साइंस कालेज, मधेपुरा के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार परमार ने कहा कि एनएसएस के माध्यम से युवाओं को उद्यमिता एवं रोजगार से जोड़ने का प्रयास सराहनीय है। युवाओं को इसका अधिकाधिक लाभ लेना चाहिए।

बीसीए विभागाध्यक्ष डॉ. के. के. भारती ने कहा कि महाविद्यालय में लगातार एनएसएस की गतिविधियां हो रही हैं। इससे युवाओं को व्यक्तित्व विकास का समुचित अवसर मिल रहा है।

अतिथियों का स्वागत एनएसएस समन्वयक डॉ. अभय कुमार ने किया। संचालन कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर और धन्यवाद ज्ञापन एनसीसी पदाधिकारी ले. गुड्डू कुमार ने किया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने राष्ट्रनायक स्वामी विवेकानंद, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और महाविद्यालय के संस्थापक महामना कीर्ति नारायण मंडल के चित्र पर पुष्पांजलि किया। अतिथियों का अंगवस्त्रम् एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया।

इस अवसर पर अतिथि व्याख्याता डॉ. राकेश कुमार, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान, मिथलेश कुमार मंडल, सुनयना कुमारी, पूजा मेहता, प्रेरणा भारती, अंजली कुमारी, एकता कुमारी, मारुति कुमारी, पूजा कुमारी, कुंदन कुमारी, नूतन कुमारी, पुनिता कुमारी, ब्यूटी, अंजली, अंजनी, शिल्पी, रश्मि, जिया, अंकित, भीष्म, सुमित, रौशन, सावन, सूरज, राहुल, मयंक, विजय, अभिषेक, अंकित राज, मनीषा कुमारी, रौनक कुमारी, जूही कुमारी,
विमल कुमार आदि उपस्थित थे।

*परिचर्चा के विषय निर्धारित*
उन्होंने बताया कि शनिवार को केपी कालेज मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान (शिक्षा और सामाजिक न्याय), रविवार को निदेशक आईक्यूएसी डॉ. नरेश कुमार (पर्यावरण- संरक्षण) विषय पर व्याख्यान देंगे। सातवें दिन सोमवार को सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रस्तुति होगी और समापन समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।