स्वराज अभी बाकि है : डॉ. विजय
हम सन 1947 में राजनैतिक रूप से आजाद हुए और हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। लेकिन हमें यह जानना चाहिए कि महज राजनैतिक आजादी मिलना स्वराज नहीं है।
यह बात गांधी विचार विभाग, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने कही। वे मनोविज्ञान विभाग, ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा की प्रथम इकाई के तत्वावधान में किया गया।
उन्होंने कहा कि स्वराज अपने मन का राज है। इसमें हमें राजनैतिक के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक पहलु भी प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि स्वराज अपने लिए नियत कार्यों को मनोयोग पूर्वक करने वाला राज्य है। ऐसा राज सबके साथ एवं सबके प्रयास से बनेगा।
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त, 1947 को हम राजनीति रूप से आजाद हो गए हैं। लेकिन अभी ही देश के नव निर्माण का सपना अधूरा है। गांधी के सपनों का स्वराज अभी बाकि है। युवाओं की यह जिम्मेदारी है कि वे गांधी के सपनों को साकार करें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि युवाओं के ऊपर ही समाज एवं राष्ट्र को सजाने-संवारने की जिम्मेदारी है। अतः युवाओं को अपने कैरियर के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों पर भी ध्यान देना चाहिए।
दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा युवाओं के व्यक्तित्व विकास हेतु कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन योजनाओं का अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाना आवश्यक है।
मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र ने कहा कि महाविद्यालय में युवाओं के व्यक्तित्व-विकास हेतु लगातार कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। युवाओं को इन कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए।
एनसीसी पदाधिकारी लेफ्टिनेंट गुड्डू कुमार ने कहा कि एनसीसी एवं एनएसएस के माध्यम से विद्यार्थियों को उनके व्यक्तित्व-विकास का सर्वांगीण अवसर मिलता है।
इसके पूर्व अतिथियों को अंगवस्त्रम् एवं स्मारिका भेंट कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर पत्रकार बीरेंद्र कुमार चौधरी, अंजलि, जुगनू, मिथिलेश, उदय, विमल, झूमा, नूतन कुमारी, जूही कुमारी, गायत्री कुमारी, कोमल कुमारी, राजेश कुमार, संजीव कुमार, प्रेरणा, शिवानी प्रिया, पुनीता कुमारी, मोनिका जोशी आदि उपस्थित थे।