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BNMU बीएनएमयू का चतुर्थ दीक्षांत समारोह आज। राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान होंगे मुख्य अतिथि सह अध्यक्ष

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*बीएनएमयू का चतुर्थ दीक्षांत समारोह आज। राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान होंगे मुख्य अतिथि सह अध्यक्ष*

भूपेन्द्र नारायण मण्डल विश्वविद्यालय, मधेपुरा का चतुर्थ दीक्षांत समारोह बुधवार को सुनिश्चित है। इसमें बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान मुख्य अतिथि- सह-अध्यक्ष होंगे। बिहार सरकार के ऊर्जा और योजना एवं विकास विभाग के मंत्री
बिजेन्द्र प्रसाद यादव तथा शिक्षा और संसदीय कार्य विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी समारोह के विशिष्ट अतिथि होंगे।
*कुलपति करेंगे अतिथियों का स्वागत*
इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत कुलपति डॉ. आर. के.पी. रमण, धन्यवाद ज्ञापन प्रति कुलपति डॉ. आभा सिंह और संचालन कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर करेंगे।

*शोभायात्रा में शामिल होंगे राज्यपाल*

जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि अ. 12: 15 बजे कुलपति आवास से शोभा यात्रा शुरू होगी। इसमें कुलसचिव (सबसे आगे), संकायाध्यक्षगण, परीक्षा नियंत्रक, प्रति कुलपति एवं कुलपति कुलाधिपति की अगुवानी करेंगे। कुलाधिपति के बाद उनके मेहमान, विशिष्ट अतिथि द्वय, भूतपूर्व कुलपति, विद्वत परिषद् के सदस्यगण एवं अभिषद् के सदस्यगण रहेंगे।

*राज्यपाल करेंगे भूपेंद्र नारायण मंडल के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि*

उन्होंने बताया कि शोभायात्रा के साथ राज्यपाल सह कुलाधिपति एवं अन्य अतिथिगण सभा में प्रवेश करेंगे और अ. 12: 20 बजे अपना-अपना आसन ग्रहण करेंगे। विद्वत शोभायात्रा के शुरू होने से लेकर इसमें शामिल महामहिम एवं सभी सदस्यों के आसन ग्रहण करने तक सभी लोग अपने स्थान पर सावधान मुद्रा में खड़े रहेंगे। तदुपरांत राष्ट्रगान का सामूहिक गायन होगा और सभी लोग राष्ट्रगान के सम्मान में सावधान की मुद्रा में खड़े रहेंगे। राष्ट्रगान के बाद सभी अतिथि महामना भूपेंद्र नारायण मंडल के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि करेंगे। तदुपरांत कुलगीत की प्रस्तुति होगी।

*दी जाएगी दीक्षा*
उन्होंने बताया कि कुलपति डॉ. आर. के. पी. रमण राज्यपाल सह कुलाधिपति सहित सभी अतिथियों का अंगवस्त्रम्, पुष्पगुच्छ एवं सिंहेश्वर मंदिर का स्मृतिचिह्न भेंटकर स्वागत करेंगे। कुलपति द्वारा स्वागत भाषण एवं प्रगति-प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा। तदुपरांत शिक्षा मंत्री एवं ऊर्जा मंत्री सभा को संबोधित करेंगे। अभ्यर्थियों को स्वर्ण पदक, उपाधि एवं प्रमाण पत्र वितरित किया जाएगा और कुलपति द्वारा अभ्यर्थियों को दीक्षा दी जाएगी।

*राज्यपाल सह कुलाधिपति देंगे अध्यक्षीय अभिभाषण*

कार्यक्रम के अंतिम चरण में राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान अध्यक्षीय अभिभाषण देंगे। प्रति कुलपति डॉ. आभा सिंह धन्यवाद ज्ञापन करेंगी। तदुपरांत राष्ट्रगान के बाद राज्यपाल सह कुलाधिपति दीक्षा स्थल से प्रस्थान करेंगे। सभी लोग महामहिम के सभास्थल से प्रस्थान के समय भी अपने-अपने स्थान पर खड़े हो जाएंगे और शोभा यात्रा की समाप्ति तक खड़े रहेंगे।

*निर्देश जारी*
*सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम*
उन्होंने बताया कि समारोह में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निर्धारित सभी मापदंडों (एसओपी) का पालन किया जाएगा। प्रवेश पत्र एवं पहचान पत्र के बिना प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। सभी लोगों को निदेशित किया गया है कि वे पू. 11:00 बजे तक पंडाल में अपना निर्धारित स्थान ग्रहण कर लें। अपने साथ किसी अन्य व्यक्ति या बच्चे को ना लाएं। अपने साथ कैमरा मोबाइल हैंडसेट, ब्लूटूथ उपकरण और किसी भी प्रकार का अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पॉलिथीन बैग या ब्रीफकेस एवं हैंडबैग तथा किसी भी प्रकार का हथियार आदि ना लाएं।

*समारोह में कुल 574 विद्यार्थियों ने भाग लिया है*
जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने परीक्षा नियंत्रक प्रो. आर. पी. राजेश के हवाले से बताया कि
चतुर्थ दीक्षांत समारोह में कुल 574 विद्यार्थियों ने भाग लिया है, जिनमें 289 छात्राएं एवं 282 छात्र हैं। इस अवसर पर 47 विद्यार्थियों को स्वर्णपदक प्रदान किया जाएगा, जिनमें 26 छात्राएं हैं, जबकि छात्रों की संख्या मात्र 21 है। कुल 97 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि मिलेगी, इनमें 44 छात्राएं और 53 छात्र हैं।

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बिहार के लाल कमलेश कमल आईटीबीपी में पदोन्नत, हिंदी के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान अर्धसैनिक बल भारत -तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में कार्यरत बिहार के कमलेश कमल को सेकंड-इन-कमांड पद पर पदोन्नति मिली है। अभी वे आईटीबीपी के राष्ट्रीय जनसंपर्क अधिकारी हैं। साथ ही ITBP प्रकाशन विभाग की भी जिम्मेदारी है। पूर्णिया के सरसी गांव निवासी कमलेश कमल हिंदी भाषा-विज्ञान और व्याकरण के प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उनके पिता श्री लंबोदर झा, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक हैं और उनकी धर्मपत्नी दीप्ति झा केंद्रीय विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका हैं। कमलेश कमल को मुख्यतः हिंदी भाषा -विज्ञान, व्याकरण और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देश भर में जाना जाता है। वे भारतीय शिक्षा बोर्ड के भी भाषा सलाहकार हैं। हिंदी के विभिन्न शब्दकोशों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनकी पुस्तकों ‘भाषा संशय-शोधन’, ‘शब्द-संधान’ और ‘ऑपरेशन बस्तर: प्रेम और जंग’ ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। गृह मंत्रालय ने ‘भाषा संशय-शोधन’ को अपने अधीनस्थ कार्यालयों में उपयोग के लिए अनुशंसित किया है। उनकी अद्यतन कृति शब्द-संधान को भी देशभर के हिंदी प्रेमियों का भरपूर प्यार मिल रहा है। यूपीएससी 2007 बैच के अधिकारी कमलेश कमल की साहित्यिक एवं भाषाई विशेषज्ञता को देखते हुए टायकून इंटरनेशनल ने उन्हें देश के 25 चर्चित ब्यूरोक्रेट्स में शामिल किया था। वे दैनिक जागरण में ‘भाषा की पाठशाला’ लोकप्रिय स्तंभ लिखते हैं। बीते 15 वर्षों से शब्दों की व्युत्पत्ति एवं शुद्ध-प्रयोग पर शोधपूर्ण लेखन कर रहे हैं। सम्मान एवं योगदान : गोस्वामी तुलसीदास सम्मान (2023) विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2023) 2000 से अधिक आलेख, कविताएँ, कहानियाँ, संपादकीय, समीक्षाएँ प्रकाशित देशभर के विश्वविद्यालयों में ‘भाषा संवाद: कमलेश कमल के साथ’ कार्यक्रम का संचालन यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए हिंदी एवं निबंध की निःशुल्क कक्षाओं का संचालन उनका फेसबुक पेज ‘कमल की कलम’ हर महीने 6-7 लाख पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है, जिससे वे भाषा और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। बिहार के लिए गर्व का विषय : आईटीबीपी में उनकी इस उपलब्धि और हिंदी के प्रति उनके योगदान पर पूर्णिया सहित बिहारवासियों में हर्ष का माहौल है। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बिहार की प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार स्वयं प्रकाश के फेसबुक वॉल से साभार।

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