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BNMU बीएनएमयू का चतुर्थ दीक्षांत समारोह कल। तैयारियां पूरी*

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*बीएनएमयू का चतुर्थ दीक्षांत समारोह कल। तैयारियां पूरी*

भूपेन्द्र नारायण मण्डल विश्वविद्यालय, मधेपुरा का चतुर्थ दीक्षांत समारोह बुधवार को सुनिश्चित है। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सोमवार को कुलपति डॉ. आर. के. पी. रमण की अध्यक्षता में सभी तैयारियों की समीक्षा की गई और मॉक ड्रिल भी किया गया।

इस अवसर पर प्रति कुलपति डॉ. आभा सिंह, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. राजकुमार सिंह, मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. उषा सिन्हा, विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ. नवीन कुमार, वाणिज्य संकायाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार, चिकित्सा संकायाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार, अध्यक्ष छात्र कल्याण डॉ. पवन कुमार, कुलानुशासक डॉ. बीएन विवेका, कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर, परीक्षा नियंत्रक प्रो. आर. पी. राजेश,. *निदेशक अकादमिक डॉ. एम. आई. रहमान*, डॉ. कैलाश प्रसाद यादव, डॉ. अशोक कुमार यादव,
डॉ. जवाहर पासवान, कै. गौतम कुमार, प्रज्ञा प्रसाद, डॉ. बिमला कुमारी आदि उपस्थित थे।

*राज्यपाल मुख्य अतिथि- सह-अध्यक्ष होंगे*
जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि समारोह में महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान मुख्य अतिथि- सह-अध्यक्ष होंगे। बिहार सरकार के ऊर्जा और योजना एवं विकास विभाग के मंत्री
बिजेन्द्र प्रसाद यादव तथा शिक्षा और संसदीय कार्य विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी समारोह के विशिष्ट अतिथि होंगे। अतिथियों का स्वागत कुलपति डॉ. आर. के.पी. रमण करेंगे। धन्यवाद ज्ञापन प्रति कुलपति डॉ. आभा सिंह देंगे। संचालन कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर करेंगे।

*शोभायात्रा में शामिल होंगे राज्यपाल*
उन्होंने बताया कि विद्वत शोभा यात्रा दीक्षांत समारोह का मुख्य आकर्षण है। इसमें राज्यपाल सह कुलाधिपति सहित अन्य गणमान्य अतिथि विशेष दीक्षांत परिधान में शामिल होंगे। इसमें कुलसचिव, संकायाध्यक्ष, परीक्षा नियंत्रक, प्रति कुलपति एवं कुलपति राज्यपाल सह कुलाधिपति की अगुवानी करेंगे। अभिषद् एवं विद्वत परिषद् के सभी सदस्य विद्वत शोभा यात्रा में शामिल होंगे।

*सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम*
जिला प्रशासन की ओर महामहिम की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं और जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक स्वयं पूरी व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। कार्यक्रम स्थल पर अनाधिकृत एवं अवांछित व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।

*निर्देश जारी*
उन्होंने बताया कि समारोह में जारी किए गए निदेश का सख्ती से पालन करना आवश्यक होगा। निदेश में बताया गया है कि पत्र प्रवेश पत्र पहचान पत्र साथ रखें और मांगे जाने पर दिखाएं। पू. 11:00 बजे तक पंडाल में अपना निर्धारित स्थान ग्रहण कर लें। अपने साथ किसी अन्य व्यक्ति या बच्चे को ना लाएं। अपने साथ कैमरा मोबाइल हैंडसेट, ब्लूटूथ उपकरण और किसी भी प्रकार का अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पॉलिथीन बैग या ब्रीफकेस एवं हैंडबैग तथा किसी भी प्रकार का हथियार आदि ना लाएं।

उन्होंने बताया कि निदेश में यह भी कहा गया है कि विद्वत शोभायात्रा के शुरू होने से लेकर शोभायात्रा में शामिल महामहिम एवं सभी सदस्यों के आसन ग्रहण करने तक अपने स्थान पर सावधान मुद्रा में खड़े रहें। महामहिम के सभास्थल से प्रस्थान के समय भी अपने स्थान पर खड़े हो जाएं और शोभा यात्रा की समाप्ति तक खड़े रहे। राष्ट्रगान एवं कुलगीत का सम्मान करते हुए गायन के वक्त खड़े हो जाएं। विद्वत कार्यवाही के दौरान शांति बनाए रखें और समारोह के सफल आयोजन में सहयोग करें।

*समारोह में कुल 574 विद्यार्थियों ने भाग लिया है*

जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि चतुर्थ दीक्षांत समारोह में कुल 574 विद्यार्थियों ने भाग लिया है, जिनमें 289 छात्राएं एवं 282 छात्र हैं। इस अवसर पर 47 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया जाएगा, जिनमें 26 छात्राएं हैं, जबकि छात्रों की संख्या मात्र 21 है। कुल 97 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि मिलेगी, इनमें 44 छात्राएं और 53 छात्र हैं।

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बिहार के लाल कमलेश कमल आईटीबीपी में पदोन्नत, हिंदी के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पहचान अर्धसैनिक बल भारत -तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में कार्यरत बिहार के कमलेश कमल को सेकंड-इन-कमांड पद पर पदोन्नति मिली है। अभी वे आईटीबीपी के राष्ट्रीय जनसंपर्क अधिकारी हैं। साथ ही ITBP प्रकाशन विभाग की भी जिम्मेदारी है। पूर्णिया के सरसी गांव निवासी कमलेश कमल हिंदी भाषा-विज्ञान और व्याकरण के प्रतिष्ठित विद्वान हैं। उनके पिता श्री लंबोदर झा, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक हैं और उनकी धर्मपत्नी दीप्ति झा केंद्रीय विद्यालय में हिंदी की शिक्षिका हैं। कमलेश कमल को मुख्यतः हिंदी भाषा -विज्ञान, व्याकरण और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए देश भर में जाना जाता है। वे भारतीय शिक्षा बोर्ड के भी भाषा सलाहकार हैं। हिंदी के विभिन्न शब्दकोशों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनकी पुस्तकों ‘भाषा संशय-शोधन’, ‘शब्द-संधान’ और ‘ऑपरेशन बस्तर: प्रेम और जंग’ ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। गृह मंत्रालय ने ‘भाषा संशय-शोधन’ को अपने अधीनस्थ कार्यालयों में उपयोग के लिए अनुशंसित किया है। उनकी अद्यतन कृति शब्द-संधान को भी देशभर के हिंदी प्रेमियों का भरपूर प्यार मिल रहा है। यूपीएससी 2007 बैच के अधिकारी कमलेश कमल की साहित्यिक एवं भाषाई विशेषज्ञता को देखते हुए टायकून इंटरनेशनल ने उन्हें देश के 25 चर्चित ब्यूरोक्रेट्स में शामिल किया था। वे दैनिक जागरण में ‘भाषा की पाठशाला’ लोकप्रिय स्तंभ लिखते हैं। बीते 15 वर्षों से शब्दों की व्युत्पत्ति एवं शुद्ध-प्रयोग पर शोधपूर्ण लेखन कर रहे हैं। सम्मान एवं योगदान : गोस्वामी तुलसीदास सम्मान (2023) विष्णु प्रभाकर राष्ट्रीय साहित्य सम्मान (2023) 2000 से अधिक आलेख, कविताएँ, कहानियाँ, संपादकीय, समीक्षाएँ प्रकाशित देशभर के विश्वविद्यालयों में ‘भाषा संवाद: कमलेश कमल के साथ’ कार्यक्रम का संचालन यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए हिंदी एवं निबंध की निःशुल्क कक्षाओं का संचालन उनका फेसबुक पेज ‘कमल की कलम’ हर महीने 6-7 लाख पाठकों द्वारा पढ़ा जाता है, जिससे वे भाषा और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। बिहार के लिए गर्व का विषय : आईटीबीपी में उनकी इस उपलब्धि और हिंदी के प्रति उनके योगदान पर पूर्णिया सहित बिहारवासियों में हर्ष का माहौल है। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि बिहार की प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार स्वयं प्रकाश के फेसबुक वॉल से साभार।

भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित दिनाँक 2 से 12 फरवरी, 2025 तक भोगीलाल लहेरचंद इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, दिल्ली में “जैन परम्परा में सर्वमान्य ग्रन्थ-तत्त्वार्थसूत्र” विषयक दस दिवसीय कार्यशाला का सुभारम्भ।

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