BNMU *राष्ट्रीय सेमिनार की स्मारिका के लिए प्राप्त हुआ है सौ आलेख*

*राष्ट्रीय सेमिनार की स्मारिका के लिए प्राप्त हुआ है सौ आलेख*
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ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में 29-30 नवंबर, 2021 को आयोजित होने वाले राष्ट्रवाद : कल, आज और कल विषयक राष्ट्रीय सेमिनार की स्मारिका तैयार हो रही है। इसके लिए एक दर्जन शुभकामना संदेश एवं सौ से अधिक आलेख एवं शोध-सारांश प्राप्त हो चुके हैं।

आयोजन सचिव डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि उप राष्ट्रपति वैंकैया नायडू, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, राज्यपाल फागू चौहान सहित कई गणमान्य लोगों के शुभकामना संदेश प्रकाशित हो रहे हैं। साथ ही पद्मश्री प्रोफेसर डाॅ. रामजी सिंह (पटना), आईसीपीआर के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. रमेशचन्द्र सिन्हा (नई दिल्ली), डाॅ. सुधीर कुमार (नई दिल्ली), डाॅ. सच्चिदानंद मिश्र (वाराणसी), डाॅ. आलोक टंडन (हरदोई), डाॅ. विजय कुमार (भागलपुर) के आलेख को स्थान दिया गया है। इसके अलावा गुरूवार तक प्राप्त सभी शोध-सारांश को भी प्रकाशित किया जा रहा है। लेकिन पीडीएफ फार्मेट में अथवा हस्तलिखित भेजा गया आलेख प्रकाशित नहीं हो सकेगा। आलेख प्रकाशन के संबंध में संपादक मंडल का निर्णय अंतिम होगा।

*प्रधानाचार्य होंगे प्रधान संपादक*
उन्होंने बताया कि प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव इसके प्रधान संपादक और सिंडिकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान प्रबंध संपादक बनाए गए हैं। अकादमिक निदेशक प्रोफेसर एम. आई. रहमान सलाहकार संपादक, असिस्टेंट प्रोफेसर (मनोविज्ञान) डाॅ. शंकर कुमार मिश्र सह प्रबंध संपादक एवं असिस्टेंट प्रोफेसर (गणित) गुड्डु कुमार सह संपादक बनाए गए हैं। राजनीति विज्ञान विभाग की डाॅ. प्रियंका सिंह एवं समाजशास्त्र विभाग के डाॅ. राजकुमार रजक को सहयोगी संपादक की जिम्मेदारी दी गई है।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के बाद चुने हुए उत्कृष्ट आलेखों और बड़े-बड़े विद्वानों के भाषणों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। यह पुस्तक आईएसबीएन युक्त होगी और इसके लिए भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् के सहयोग मिलने की भी संभावना है।

कार्यक्रम में माधव तुर्मेला (लंदन) एवं डाॅ. गोविंद शरण (नेपाल), जयती कपूर (महाराष्ट्र) प्रोफेसर डाॅ. जटाशंकर (प्रयागराज) एवं प्रोफेसर डाॅ. राजकुमारी सिन्हा (राँची) सहित कई गणमान्य लोग ऑनलाइन जुड़ेगे। साथ ही आमंत्रित वक्ता एवं मात्र पंजीकृत प्रतिभागी ही ऑफलाइन कार्यक्रम में भाग ले सकेंगे। जो प्रतिभागी अब तक पंजीयन नहीं करा पाए हैं, वे ऑनस्पाॅट पंजीयन करा सकेंगे। बिना पंजीयन के प्रवेश निषेध रहेगा।

कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लेने वाले प्रतिभागियों को बाद में स्वयं मधेपुरा आकर अथवा अपने किसी प्रतिनिधि के साथ रसीद भेजकर सर्टिफिकेट मंगवाना होगा। विशेष परिस्थित में डाक से भी सर्टिफिकेट भेजा जाएगा।

*राष्ट्रवाद के विभिन्न पहलुओं पर होगी चर्चा*
उन्होंने बताया कि सेमिनार में राष्ट्रवाद के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी और वैदिककाल से लेकर कोरोनाकाल तक राष्ट्रवाद के बदलते स्वरूप पर विमर्श किया जाएगा। इसमें राष्ट्रवाद की भारतीय, यूरोपीय, वैदिककालीन, जैनकालीन, बौद्धकालीन, मुगलकालीन एवं ब्रिटिशकालीन अवधारणा पर विशेष चर्चा होगी। राष्ट्रवाद के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, दार्शनिक, सांस्कृतिक एवं मनोवैज्ञानिक आयाम को प्रकाश में लाया जाएगा। इसके अलावा स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानंद, रवीन्द्रनाथ टैगोर, महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, डाॅ. भीमराव अंबेडकर, वीर सावरकर एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय आदि के राष्ट्रवाद से संबंधित विचारों को प्रमुखता से रेखांकित किया जाएगा। इसके अलावा राष्ट्रवाद से जोड़कर पुनर्जागरण, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, अंतरराष्ट्रीयतावाद, भूमंडलीकरण, साहित्य, पत्रकारिता आदि अन्य विषयों पर भी चर्चा होगी।