BNMU याद किए गए विवेकानंद

*याद किए गए विवेकानंद*

स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर, 1883 को शिकागो (अमेरिका) में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में ऐतिहासिक भाषण दिया था। इस उपलक्ष्य में शनिवार को भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, शैक्षणिक केंद्र, लखनऊ द्वारा एक ऑनलाइन परिचर्चा आयोजित की गई। इसका मुख्य विषय ‘विश्वधर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद का उद्बोधन : एक विमर्श’ था।

 

वक्ताओं ने विश्वधर्म सम्मेलन के बहाने विवेकानंद को याद किया। विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि विवेकानंद ने इस सम्मेलन में अपने संबोधन “मेरे अमेरिकी बहनों एवं भाइयों” के साथ उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया था। उन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से पूरी दुनिया में भारतीय दर्शन का परचम लहराया।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता विश्वभारती केंद्रीय विश्वविद्यालय, शांति निकेतन (पश्चिम बंगाल) में दर्शन एवं धर्म विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. आभा मुखर्जी थीं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता आईसीपीआर के अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. रमेशचन्द्र सिन्हा ने की। अतिथियों का स्वागत सदस्य- सचिव प्रोफेसर डाॅ. सच्चिदानंद मिश्र और विषय प्रवर्तन निदेशक (शैक्षणिक) डॉ. पूजा व्यास ने किया। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ सलाहकार डॉ. जयशंकर सिंह द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में पटना में दर्शनशास्त्र विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डाॅ. पूनम सिंह, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर आदि ने भाग लिया।