BNMU राष्ट्र-निर्माता हैं शिक्षक : प्रधानाचार्य

*शिक्षक राष्ट्र-निर्माता हैं : प्रधानाचार्य*

शिक्षक राष्ट्र-निर्माता हैं। शिक्षकों के ऊपर ही समाज एवं राष्ट्र का भविष्य निर्भर करता है। यह बात प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव ने कही।

वे रविवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के तत्वावधान में किया गया था।

अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डाॅ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन ने कहा कि राधाकृष्णन की दृष्टि में शिक्षक की अहमियत सबसे अधिक थी। उन्होंने अपने जन्मदिवस को शिक्षकों के नाम समर्पित कर दिया।

सिंडिकेट सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान ने कहा कि शिक्षक दिवस पर हमें अपने पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. राधाकृष्णन के साथ-साथ आधुनिक भारत के प्रमुख शिक्षक ज्योतिबा फूले एवं प्रथम शिक्षिका सावित्रीबाई फूले को भी याद करना चाहिए।

जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने कहा कि भारतीय परंपरा में शिक्षक को आचार्य कहा जाता है। आचार्य का अर्थ है अपने आचरण से शिक्षा देने वाला। अतः शिक्षकों में ज्ञान से अधिक चरित्र का होना जरूरी है।

एनसीसी ऑफिसर लेफ्टिनेंट गुड्डु कुमार ने कहा एनसीसी के कैडेट अनुशासन एवं एकता के मंत्र के साथ काम करते हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. एस. राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। शिक्षकों ने अपने छात्र-जीवन को याद किया और अपने शिक्षकों के प्रति अपने उद्गार व्यक्त किए। कई विद्यार्थियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कैडेट सत्यम ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। रिम्मी कुमारी ने भाषण दिया।

इस अवसर पर मैथिली विभागाध्यक्ष डाॅ. उपेंद्र प्रसाद यादव, अतिथि शिक्षक डाॅ. गौरब श्रीवास्तव, सेहत केंद्र के पीयर एडूकेटर सूरज प्रताप, हिमांशु कुमार, प्रकाश, नीतीश, कुन्दन, रूस्तम, मनोज, नरेश, नंदन, रणवीर, ज्योतिष, अजीत, नीरज, मंदन, अनु कुमारी, अंशु, अंजनी, ममता, रिम्मी कुमारी, सत्यम आदि उपस्थित थे।