Madhepura। कीर्ति नारायण मंडल : संक्षिप्त परिचय

कीर्ति नारायण मंडल : संक्षिप्त परिचय

महामना कीर्ति नारायण मंडल (07.08.2921- 07.04. 1997) का जन्म बिहार राज्यान्तर्गत मधेपुरा जिले के मनहरा नामक गाँव में एक संपन्न कृषक परिवार में हुआ। यह गाँव सिंहेश्वर-मधेपुरा स्थान से 3-4 किलोमीटर पश्चिम में अवस्थित है। इनके पिता का नाम ठाकुर प्रसाद मंडल और माता का नाम पार्वती देवी था।

कीर्ति नारायण मंडल की प्रारंभिक शिक्षा गाँव के मिडिल स्कूल में हुई। उच्च शिक्षा पाने के लिए वे मधेपुरा के तत्कालीन विद्यालय सीरीज इन्स्टीट्यूट में नामांकित हुए। लेकिन कुछ कारणों से खिन्न होकर उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।

कीर्ति नारायण मंडल के पिता पाँच भाई थे। इनमें से एक अवध बिहारी मंडल वीतरागी प्रवृत्ति के थे। परिवार की धर्मानुरागी प्रवृत्ति और चाचा अवध बिहारी मंडल के गृहत्याग का असर किशोर कीर्ति नारायण मंडल पर भी पड़ा।

सिंहेश्वर में संतों-महात्माओं का आगमन समय-समय पर होता रहता था। सीवान से आए एक संत का काफी प्रभाव इनके मन पर पड़ा। ये बचपन से ही मितभाषी और एकांतवासी थे। इनके धार्मिक प्रवृत्ति को देखकर पिता ठाकुर प्रसाद मंडल चितिंत हो उठे। अतः किशोरवय में ही इनका विवाह बिजलपुर- पंचगछिया के एक संपन्न परिवार की कन्या रमा देवी के साथ संपन्न कर दिया गया। कुछ दिनों तक वैवाहिक संबंध बना रहा। लेकिन एक दिन उनका मन गृहस्थी से विमुख हो गया और वे निवृत्ति मार्ग के पथ पर अग्रसर हो गए। बनारस, प्रयाग आदि धर्म स्थलों में भी भटके। लेकिन धार्मिक स्थलों के कर्मकांड और आडम्बरपूर्ण व्यवस्था से शीघ्र ही उनका मन उचट गया। वे मधेपुरा वापस आ गये।

इधर, आजादी के बाद राममनोहर लोहिया की अगुवाई में समाजवादी पार्टी की गतिविधियां बढ़ीं। 1952 ई. में मधेपुरा के भूपेन्द्र नारायण मंडल उम्मीदवार थे। उनका चुनाव परिणाम निराशाजनक रहा। पार्टी ने अपनी पराजय पर विचार मंथन के उपरांत यह निष्कर्ष निकाला कि पिछड़े समाज में उच्च शिक्षा के आभाव के कारण लोग पार्टी के सिद्धांतों को आत्मसात नहीं कर पाए। अतः उच्च शिक्षण संस्थान खोलने की आवश्यकता है। इसके लिए बिहार के प्रथम विधि मंत्री शिवनंदन प्रसाद मंडल संविधान सभा का सदस्य कमलेश्वरी प्रसाद यादव, रघुनन्दन मंडल आदि अपने-अपने स्तर से प्रयास कर रहे थे।

लेकिन इसके लिए एक ऐसे उदार प्राण की आवश्यकता थी, जो जमीन और धन देकर पिछड़े समाज के सपने को साकार कर सके। इसी मोड़ पर कीर्ति नारायण मंडल जैसे महामना सामने आए, जिन्होंने पिछड़े समाज के सर्वांगीण विकास का मूल शिक्षा के महत्व को अनुभव करते हुए एक्यावन बीघे जमीन और सम्बन्धन हेतु 25 हजार सुरक्षा राशि देने की घोषणा की। अपनी इस
वचनबद्धता को पूरा करने के लिए उन्हें अपने पिता के  समक्ष धरना और अनशन करना पड़ा। कीर्ति नारायण मंडल की भीष्म प्रतिज्ञा का ही परिणाम हुआ कि 1953 ई. में ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय अस्तित्व में आया।उनके नाम पर टी. पी. काॅलेज में कीर्ति विज्ञान परिसर एवं कीर्ति द्वार है। वर्ष 2019 में कीर्ति विज्ञान परिसर में इनकी भव्य प्रतिमा भी लगाई गई है। 7अगस्त, 2020 को इनकी जयंती पर ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में एक सादा समारोह का आयोजन किया गया है। इसका उद्घाटन कुलपति डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी करेंगे। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद मुख्य अतिथि और बीएनमुस्टा के महासचिव डॉ. नरेश कुमार मुख्य वक्ता होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ. के. पी. यादव करेंगे। आयोजन सचिव की जिम्मेवारी डॉ. सुधांशु शेखर को दी गई है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम सादे समारोह में आयोजित होगा और इसमें सोशल डिस्टेंसिंग सहित एसओपी के सभी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

महामना कीर्ति नारायण मंडल द्वारा स्थापित एवं प्रस्तावित संस्थानों की सूची

1. सुखासन प्राथमिक विद्यालय 1939 (आंशिक सहयोग)
2. शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, सुखासन 1951(संप्रति
जवाहर नवोदय विद्यालय)
3. ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, 1953 अंगीभूत
4. टी. पी. काॅलेजिएट उच्च विद्यालय,1957,
राजकीयकृत
5. पार्वती शिशु विद्यालय, मधेपुरा, 1975
6. पार्वती महिला महाविद्यालय, मधेपुरा, 1976 विफल
7. पार्वती विज्ञान महाविद्यालय, मधेपुरा 1978 अंगीभूत
8. दयावती लालजी महाविद्यालय, बैजनाथपुर 1978,
प्रस्वीकृत
9. सूर तुलसी महाविद्यालय, कटिहार, 1981, प्रस्वीकृत
10. श्री कृष्ण बलराम महाविद्यालय, पूर्णियाँ 1981 प्रस्वीकृत
11. देवराहा बाबा महाविद्यालय, फारबिसगंज 1985
प्रस्वीकृत
12. देवराहा बाबा डिग्री महाविद्यायल, फारबिसगंज, 1985 प्रस्वीकृत
13. अंबिका उपेन्द्र महाविद्यायल, मुरलीगंज 1981, प्रस्वीकृत
14. बाबा सिंहेशवर महाविद्यायल, राघोपुर, 1981 प्रस्वीकृत
15. कीर्ति नारायण इंटर महाविद्यालय, राघोपुर 1981 प्रस्वीकृत                                                             16. बाबा विशुराउत इंटर महाविद्यालय, चौसा 1981
प्रस्वीकृत
17. हंसीमंडल महाविद्यालय, बिहारीगंज 1980, प्रस्वीकृत
18. संत अवध बिहारी देवकृष्ण महाविद्यालय, मधेपुरा, 1981 प्रस्वीकृत
19. रत्नेश नन्दन महाविद्यालय, मधुबन 1981 प्रस्वीकृत
20. मृत्युंजय मिश्र महाविद्यालय,1981 प्रस्वीकृत
21. रत्नेश नन्दन महाविद्यालय, बेलदौर 1981 प्रस्वीकृत
22. बनवारी शंकर महाविद्यालय, सहरसा, 1981प्रस्वीकृत
23. बनवारी शंकर डिग्री महाविद्यालय, सहरसा, 1981 संबंद्ध
24. निम्न प्राथमिक विद्यालय, तिलकोड़ा, 1960
राजकीयकृत
25. निम्न प्राथमिक विद्यालय, गोपाली टोला 1961
राजकीयकृत
26. बाबा सिंहेश्वर राधा कृष्ण डिग्री महाविद्यालय, सिंहेश्वर, 1981 संबद्ध
27. कीर्ति नारायण डिग्री महाविद्यालय, राघोपुर
संबद्ध
28. संत अवध कीर्ति नारायण महाविद्यालय, मधेपुरा
1985 संबद्ध
29. हंसी मंडल डिग्री काॅलेज, तुलसिया, 1989
30. कारू खिरहरी युगलदास डिग्री काॅलेज, तुलसिया
1989
31. बाबू राममंडल रामकिसुन दास महाविद्यालय (आज
जहाँ विश्वविद्यालय उत्तरी
परिसर अवस्थित है) विफल
32. छातापुर महाविद्यालय, छातापुर विफल
33. पिपरा महाविद्यालय, पिपरा विफल
34 . अन्य तीन महाविद्यालयों के लिए भी स्थापना
स्वीकृति प्राप्त करके स्थगित
35. मेडिकल कॉलेज, मधेपुरा केवल योजना रूप में
36. इंजीनियरिंग कॉलेज मधेपुरा केवल योजना रूप
में
37. केंन्द्रीय पुस्तकालय सह रिसर्च सेंटर, मधेपुरा, केवल
योजना रूप में