

बड़े गौर से सुन रहा था जमाना/ तुमहीं चल दिए दास्तां कहते-कहते…/कोशी के लाल डॉ. परमेश्वर प्रसाद यादव की पुण्यतिथि पर विशेष/ डेविड यादव
कहा गया है कि जिसकी कीर्ति होती है, वह हमेशा जीवित रहता है। सचमुच इंसान इस धरती पर आते हैं और कुछ दिनों में चले
कहा गया है कि जिसकी कीर्ति होती है, वह हमेशा जीवित रहता है। सचमुच इंसान इस धरती पर आते हैं और कुछ दिनों में चले
कविता/माँ/संजय सुमन कोरे कागज पर आज “माँ” लिखे बैठा हूँ जीवन की तमाम दास्तान लिखे बैठा हूँ, रोज़ लड़ता हूँ मुक़द्दर से बेहतरी के लिए,
कविता/रिश्ते/संजय सुमन मिल न सके कभी सुख के उजालों से, जिंदगी! घिरे रहे हम तेरे ही सवालों से, अजीब है न ! सपनों को सजाते
आलेख/GDP बनाम अर्थव्यवस्था/आशीष कुमार माधव ग्राॅस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) सकल घरेलू उत्पाद दूनियाँ के किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के सेहत को मापने का यह
आलेख/बचें मानसिक तनाव से/मारूति नंदन मिश्र भागती-दौड़ती ज़िंदगी में अचानक लगे ब्रेक ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाला है। आधुनिक मानव इतिहास की
भारत में 34 साल पुरानी शिक्षा नीति चल रही थी जो कि बदलते परिदृश्य के साथ प्रभावहीन हो रही थी। यही कारण है कि बदलते
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