Research। परिकल्पना को संक्षिप्त, सटीक, सरल एवं स्पष्ट होना चाहिए
परिकल्पना दो या दो से अधिक चरों के बीच संभावित संबंधों के बारे में बनाए गए जांच योग कथन का वर्णन है। शोध समस्या के
परिकल्पना दो या दो से अधिक चरों के बीच संभावित संबंधों के बारे में बनाए गए जांच योग कथन का वर्णन है। शोध समस्या के
पर्यावरण को कई भागों में बांटा गया है। इनमें प्राकृतिक पर्यावरण, जैविक पर्यावरण, सांस्कृतिक पर्यावरण आदि प्रमुख हैं। मनुष्य का इन सब के साथ घनिष्ठ
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान हुए पर्यावरण में सुधार से सबक लेने की जरूरत बीएनएमयू संवाद व्याख्यानमाला के तहत गुरुवार को हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय
मृत्यु शास्वत सत्य है और मानव जीवन नाश्वर है। जिसने भी जन्म लिया है, उसकी मृत्यु तय है। लेकिन जो कुछ कीर्ति करके जाते हैं,
बीएनएमयू संवाद व्याख्यान माला के तहत डॉ. भुवनेश्वर द्विवेदी, हिन्दी, एसएसपीपीडी पी.जी. कॉलेज, तिसुही, मड़िहान, मीरजापुर, उत्तर प्रदेश ने “शिक्षा : मानक प्रारूप एवं वर्तमान
हिंदी हमारी मातृभाषा है। यह सामाजिक अस्मिता का यथार्थ है। भारतीय समाज की सच्चाई है। यह बात असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, पूर्णियाँ विश्वविद्यालय, पूर्णियाँ (बिहार)
जब हम दो या दो से अधिक चरों के बीच संभावित संबंधों के बारे में बनाए गए जांच योग कथन का वर्णन करते हैं, तो
भारतीय दर्शन को आत्मसात करने की जरूरत : कुलपति भारतीय दर्शन में आत्मवत् सर्वभूतेषू, सर्व खलु इदं ब्रह्म और सर्वे भवन्तु सुखिनः का आदर्श प्रस्तुत
भारतीय दर्शन में है मानसिक समस्याओं का समाधान : डाॅ. इंदू मानसिक स्वास्थ्य व्यक्ति के मन की उत्तम अवस्था है। इसमें वह अपनी क्षमताओं को
भारत सदैव से सम्पूर्ण विश्व के लिए ज्ञान-विज्ञान का केंद्र रहा है। भारतीय संस्कृति सबसे समृद्ध और पुरानी है। भारत मानव सभ्यता का जनक रहा
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